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तमाम अटकलों के बाद मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया। भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री के साथ ही राजस्थान में दो डिप्टी सीएम भी बने हैं। पूर्व राजघराने की दीया कुमारी के साथ ही प्रेमचंद बैरवा को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है। आइए जानते हैं कि प्रेमचंद बैरवा कौन हैं…
दूदू से बीजेपी विधायक हैं प्रेमचंद बैरवा
प्रेमचंद बैरवा जयपुर के पास की विधानसभा सीट ‘दूदू’ से बीजेपी विधायक हैं। उन्होंने इस बार कांग्रेस के धाकड़ नेता बाबूलाल नागर के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की। बैरवा ने नागर को 35743 वोटों के अंतर से हराया। विधानसभा चुनाव में बैरवा को 116561 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे बाबूलाल नागर को 80818 मत ही मिले। बैरवा इससे पहले 2013 में भी चुनाव जीत चुके हैं।
दलित परिवार से आते हैं प्रेमचंद बैरवा
डॉ. प्रेमचंद बैरवा मौजमाबाद तहसील के श्रीनिवासीपुरा गांव के सामान्य दलित परिवार से आते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ की थी। दूदू ब्लॉक संगठन में 1995 से एक्टिव रहे। इसके बाद साल 2000 में दूदू के वार्ड 15 में उन्होंने जीत दर्ज की। जिला परिषद सदस्य के रूप में उनके राजनीतिक करियर की ये पहली जीत थी। इसके बाद उनके कदम नहीं रुके। साल 2008 में जयपुर ग्रामीण के एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने जिम्मेदारी निभाई। वह दूदू भाजपा मंडल महामंत्री भी रह चुके हैं। बैरवा को साल 2013 में पहली बार बीजेपी ने एससी के लिए आरक्षित सीट दूदू से टिकट दिया था। इस चुनाव में वे पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे। उन्होंने पार्टी का भरोसा जीतते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता हजारीलाल नागर को 33 हजार 720 वोटों से शिकस्त दी और विधानसभा का सफर तय किया। बैरवा को राजस्थान का डिप्टी सीएम घोषित कर बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग का उदाहरण पेश किया है। बैरवा या बेरवा राजस्थान के साथ ही मध्य प्रदेश और दिल्ली में रहने वाली अनुसूचित जाति है। सीएम के पद पर ब्राह्मण, डिप्टी सीएम के पद पर पूर्व राजघराने की दीया कुमारी राजपूत और एक अनुसूचित जाति के चेहरे को पेश कर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है।