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हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के लिए दिल्ली का मोह छोड़ा, सांसदी से दिया इस्तीफा; खींवसर के विधायक बनकर करेंगे काम

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राजस्थान के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने दिल्ली का मोह छोड़ दिया है. हनुमान बेनीवाल ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है. शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिलकर उन्होंने अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अब हनुमान बेनीवाल राजस्थान में भी विधायक बनकर काम करते नजर आएंगे. हनुमान बेनीवाल हाल ही में संपन्न हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में खींवसर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे. ऐसे में वो अब राजस्थान में खींवसर विधायक की हैसियत से अपना काम करते नजर आएंगे. नियम के अनुसार एक व्यक्ति एक साथ विधानसभा और लोकसभा का सदस्य नहीं हो सकता है. यदि वह दोनों के लिए निर्वाचित हुआ है तो दो 15 दिन के भीतर एक जगह से इस्तीफा देना पड़ता है. यही कारण है कि हनुमान बेनीवाल ने इस्तीफा दे दिया है.

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77 सीटों पर हनुमान ने उतारे थे उम्मीदवार, एक जीते

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मालूम हो कि हनुमान बेनीवाल ने आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर राजस्थान का चुनाव लड़ा था. उन्होंने पूरे राजस्थान में 77 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 76 प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सके. खुद हनुमान बेनीवाल भी बेहद नजदीकी मुकाबले में मात्र 2059 वोटों के अंतर से जीत सके हैं. रिजल्ट से पहले तक हनुमान बेनीवाल अपनी पार्टी को तीसरा मोर्चा बनने की बात कहते नजर आ रहे थे. लेकिन जनादेश में उनका सपना अधूरा रह गया. लेकिन इसके बाद भी सांसदी छोड़कर हनुमान बेनीवाल ने विधायक बने रहने का फैसला किया है. हनुमान बेनीवाल द्वारा सांसदी छोड़ने के भी उनके नागौर लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा. क्योंकि अब लोकसभा चुनाव 2024 में मात्र छह महीने का समय शेष रह गया है. ऐसे में अब देखना होगा कि 2024 के चुनाव में बेनीवाल क्या फैसला लेते हैं. हनुमान बेनीवाल खींवसर से 4 बार विधायक रह चुके हैं. इस बार भी हनुमान ने जीत दर्ज की है.

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संसद सुरक्षा चूक के दिन हनुमान की दिलेरी ने बटोरी थी सुर्खिया

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फिलहाल उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है. बीते दिनों 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई भारी चूक के दौरान भी हनुमान बेनीवाल की दिलेरी के खूब चर्चे हुए थे. हनुमान बेनीवाल ने संसद में घुसे घुसपैठिए को सबसे पहले दबोचा था. जिसके बाद अन्य सांसदों ने घुसपैठियों की जमकर पिटाई की थी. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कई नेताओं ने हनुमान बेनीवाल की दिलेरी की तारीफ की थी. लेकिन उसी रोज बाद में यह जानकारी सामने आई कि उस रोज हनुमान संसद सदस्यता से इस्तीफा देने आए थे. लेकिन इस वाकये के चलते वे इस्तीफा भी नहीं दे पाए.

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पहले एनडीए के साथ हनुमान, किसान आंदोलन के समय तोड़ा नाता

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हनुमान बेनीवाल राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से सांसद हैं. पहले वे एनडीए के साथ थे, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया. साल 2019 में बेनीवाल भाजपा के साथ गठबंधन में ही चुनाव लड़े थे. राजस्थान में बेनीवाल की खुद की पार्टी है, जिसका नाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) है. हनुमान राजस्थान के बड़े जाट नेता माने जाते हैं. पश्चिमी राजस्थान में हनुमान की खास पकड़ मानी जाती है.

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