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राजस्थान विधानसभा के 19 जनवरी से शुरू हो रहे सत्र को लेकर अब सप्ताह भर से भी कम का समय रह गया है। इस सत्र की सबसे ख़ास बात ये है कि नई विधानसभा गठन के बाद पहली बार होगा जब जनहित से जुड़े सवालों पर प्रमुख विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस पार्टी, सत्तापक्ष में बैठी भाजपा सरकार पर हमलावर रहेगी। इधर, विपक्ष के सवालों का जवाब देने और सरकार का बचाव करने के लिए भाजपा विधायक दल भी पूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचेगा। गौरतलब है कि नई विधानसभा गठन के बाद हुए पहले सत्र में नए विधायकों को राज्यपाल कलराज मिश्र ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। ऐसे में इस सत्र से अब जनहित के सवालों पर सत्तापक्ष और विपक्ष का आमना-सामना होगा। विधायक ना सिर्फ अपने-अपने क्षेत्र के सवाल ही उठाएंगे बल्कि राज्य स्तरीय सरोकार रखने वाले मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाएंगे।विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से संबंधित विभागों के प्रश्न व प्रस्तावों पर जवाब देने का जिम्मा 7 मंत्रियों को सौंपा है।
1. दिया कुमारी, उप मुख्यमंत्री – आबकारी, आयोजना विभाग
2. डॉ किरोड़ी लाल मीणा, कृषि मंत्री – सूचना- जनसम्पर्क, कृषि विपणन व अल्पसंख्यक मामलात विभाग
3. गजेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री – गृह, एसीबी, खान व पेट्रोलियम, जेल विभाग
4. राज्यवर्धन सिंह, उद्योग मंत्री – श्रम व अप्रवासी भारतीय विभाग
5. मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री – भाषा-पुस्तकालय विभाग
6. जोगाराम, विधि मंत्री – कार्मिक, प्रशासनिक सुधार, सामान्य प्रशासन, सम्पदा, निर्वाचन, मंत्रिमंडल सचिवालय व स्टेट मोटर गैराज विभाग
7. सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री – इंदिरा गांधी नहर विभाग
हमलावर रहेगा विपक्ष
विधानसभा के पहले सत्र के लिए सवालों को लेकर विपक्ष हमलावर अंदाज में सामने आ सकता है। विपक्ष पुरानी सरकार की योजनाओं पर सत्तापक्ष का स्टैंड सामने लाने का प्रयास करेगा, वहीं कर्ज आधारित अर्थव्यवस्था और पेट्रोल-डीजल पर प्रदेश में दूसरे राज्यों से वैट अधिक होने पर सरकार को घेरने की तैयारी है।
500 पार पहुंची सवालों की संख्या
विधानसभा सत्र के लिए अब तक विधायकों के करीब 500 सवाल आ चुके हैं, जिनमें से 100 से अधिक को संपादित कर विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड भी किया जा चुका है। जल्द ही यह भी तय हो सकता है कि अब तक विधानसभा पहुंच चुके सवालों में कौनसा- किस दिन लगाया जाएगा। सत्तापक्ष और विपक्ष के अधिकांश सदस्यों ने जहां अपने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को लेकर जानकारी मांगी है, वहीं विधानसभा पहुंचे विपक्ष के कुछ सदस्यों के सवालों में तीखापन है। जिससे लगता है कि उनकी सरकार का विजन सामने लाने की मंशा है।