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जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने अवैध तरीके से पानी चोरी करने वालों को 28 फरवरी तक अपने कनेक्शन नियमित करने का मौका दिया है। इसके बाद अवैध कनेक्शनों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उनके ऊपर कानून का डंडा चलाया जाएगा। पीएचईडी के कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता विक्रम सिंह ने बताया कि विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा के द्वारा अवैध कनेक्शन कर पानी चोरी करने वालों की खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले अवैध कनेक्शनों को नियमित करने का मौका दिया गया है। पानी चोरी करने वाले यदि 28 फरवरी तक अपना अवैध जल संबंध पेनल्टी आदि राशि जमा कराकर नियमित उपभोक्ता बन जाते हैं तो वे विभाग की सख्त कार्रवाई से बच सकते हैं।
1100 रुपए की पेनल्टी
31 मार्च 2017 को जारी आदेश के मुताबिक विभागीय लाइन से अवैध कनेक्शन करने वाले को 1100 रुपए पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही ऐसे उपभोक्ता को कम से कम 30 हजार लीटर औसत मासिक उपभोग के आधार पर एक वर्ष के जल उपभोग की पांच गुना राशि भी जमा करानी होगी। इस तरह पेनल्टी व चार्ज जमा करने के बाद उपभोक्ता को नियमित उपभोक्ता मानते हुए कनेक्शन जारी कर दिया जाएगा। ऐसा नहीं करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसई ने बताया कि पेनल्टी राशि जमा कराकर अवैध जल संबंध को नियमित करने का प्रावधान सिर्फ वितरण लाइन से ही है। जो अवैध कनेक्शन ट्रांसमिशन मेंन अथवा राइजिंग मेंन लाइन में लिए गए हैं उससे जल वितरण व्यवस्था को नुकसान होता है। उन्हें चिह्नित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह होंगे नियमित होने पर लाभ
-चोरी और छीजत रुकेगी।
-टेल ऐंड तक पर्याप्त मात्रा एवं सही दबाव में पानी पहुंचेगा।
– विभाग को राजस्व की आय होगी।
-विभाग के जल उपभोक्ता बढ़ेंगे।
-गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध होगा।
– उपयुक्त व्यक्ति कार्रवाई से बच जाएंगे।
इनका कहना है
अवैध रूप से जल कनेक्शन कर पानी चोरी करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। 28 फरवरी के बाद अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। राइजिंग लाइन से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।
-विक्रम सिंह, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी वृत झुंझुनू