लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है. अब फार्म भी भरे जा चुके हैं। पहले चरण के मतदान में अब महज कुछ ही शेष रह गए है। इसको लेकर राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस ने ज्यादातर सीटों पर अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया। अक्सर चुनाव से पहले दल-बदल की राजनीति भी खूब देखने को मिलती है। इस बार राजस्थान में भी दलबदल की राजनीति परवान पर रही। कई सालों तक पार्टी से जुड़कर राजनीति करने वाले नेताओं ने रातों-रात पार्टी बदल कर लोकसभा का टिकट पा लिया। राजस्थान में ऐसे नेताओं की लिस्ट काफी लंबी हो चुकी है।
बगावत करने वालों पर मेहरबान हुई भाजपा-कांग्रेस:
राजस्थान में इस बार भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया। भाजपा पार्टी से बगावत करके ये नेता कांग्रेस से टिकट पाने में कामयाब रहे। इसमें राहुल कस्वां, प्रह्लाद गुंजल का नाम प्रमुख है। जबकि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए महेंद्रजीत मालवीय और ज्योति मिर्धा भी लोकसभा की टिकट प्राप्त कर चुके है। भाजपा और कांग्रेस ने इस बार अपने दिग्गज नेताओं को दरकिनार करते हुए बगावत करने वाले नेताओं पर ज्यादा भरोसा जताया है। चलिए जानते हैं उन नेताओं के बारे में में जिन्होंने दलबदल करके टिकट हासिल किया…
1. राहुल कस्वां:
राजस्थान लोकसभा चुनाव से पहले चूरू सीट को लेकर जमकर बवाल हुआ था। चूरू सीट पर अपना दबदबा रखने वाले कस्वां परिवार का भाजपा ने टिकट काट दिया। जिसके बाद वर्तमान सांसद राहुल कस्वां ने पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाया। कांग्रेस ने राहुल कस्वां को अपना चूरू से प्रत्याशी बना दिया। ऐसे में इस सीट पर अब लोकसभा चुनाव की जंग काफी रोचक हो गई है।
2. महेंद्रजीत मालवीय:
बांसवाड़ा के दिग्गज नेता महेंद्रजीत मालवीय ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। कई वर्षों तक वो कांग्रेस के लिए इस क्षेत्र में जीत का समीकरण साधते रहे। लेकिन उनकी पार्टी के हाईकमान से अनबन के चलते मामला बिगड़ गया। आखिरकार उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली। इस बड़े नेता को भाजपा ने बिना देरी किए बांसवाड़ा से अपना लोकसभा उम्मीदवार बना दिया। उनका भाजपा में जाना कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है।
3. डॉ. ज्योति मिर्धा:
राजस्थान की राजनीति का पावर हाउस माने जाने वाले नागौर में इस बार लोकसभा चुनाव बेहद रोचक रहने वाला है। यहां एक बार फिर पुराने ही उम्मीदवार आमने-सामने है, लेकिन इस बार दोनों के दल अलग-अलग है। जी हां, ज्योति मिर्धा जो पहले कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ी थी। वो अब भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ रही है। जबकि दूसरी तरफ हनुमान बेनीवाल इस बार कांग्रेस ने गठबंधन करके ज्योति मिर्धा को चुनौती देंगे। इस चुनाव पर पूरे देश की निगाहें रहेगी।
4. प्रहलाद गुंजल:
राजस्थान के हाड़ोती क्षेत्र में भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। यहां उनके सबसे बड़े नेता प्रहलाद गुंजल ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। उनको कांग्रेस ने कोटा-बूंदी सीट से अपना प्रत्याशी बना दिया। वो अब भाजपा के ओम बिरला को चुनौती देंगे। बता दें प्रहलाद गुंजल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के करीबी नेताओं शामिल किया जाता है। हाड़ोती क्षेत्र में प्रहलाद गुंजल का काफी दबदबा माना जाता है। अब उनके आने से कांग्रेस नेताओं में एक अलग उत्साह नज़र आ रहा है।