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Forehead Lines: सामुद्रिक शास्त्र में हमारे माथे पर बनी रेखाओं के बारे में काफी कुछ बताया गया है. चलिए जानते हैं कि माथे की कौन-सी रेखा किस बात की ओर इशारा करती है.
Forehead Lines: मनुष्य की दाहिना आंख को सूर्य ग्रह का निवास स्थान कहा गया है सूर्य रेखा का स्थान दाई आंख के भोह के ऊपर होता है इस रेखा का स्वरूप दीर्घ नहीं होता है अपितु लगभग उसी आंख तक सीमित रहता है यह व्यक्ति के मौलिक प्रतिभा, ऐश्वर्य,तथा उनके भाग्य तथा समाजिक कार्य व्यक्ति को उजागर करती है तथा आपके जीवन में कितनी भौतिक सुख सुविधा मिलेगा उसका यह सूचक भी होता है.ज्योतिषाचार्य संजीत मिश्रा के अनुसार सामुद्रिक शास्त्र ज्योतिष से अलग नहीं है दोनों एक सिक्के के पहलु है पर इतना अंतर अवश्य होता है सामुद्रिक शास्त्र में सूर्य पर ज्यादा विवरण होता है
सामुंद्रिक शास्त्र में सूर्य ग्रह का प्रभाव
सामुंद्रिक शास्त्र में सूर्य का विश्लेषण कुछ ज्यादा है आपको बता रहा हु सूर्य की प्रभाव व्यक्ति को बीस वर्ष से लेकर चालीस वर्ष की आयु में विशेष रूप से इसका प्रभाव पड़ता है. ऐसे तो कोई भी शिशु जिस समय मां के गर्भ में चार महीने का हो रहा होता है उस पर भी सूर्य की किरण का प्रभाव पड़ता है क्योंकी उस समय मां के पेट में पल रहे बच्चे की ह्रदय की रचना हो रही होती है .सूर्य के किरणें उसके भावनात्मक पक्ष को विशेष रूप से प्रभावित करती है .सूर्य व्यक्ति के महत्वकांक्षा,विशाल ह्रदय और सद्भावना से सम्बन्धित ग्रह होने के कारण यह चरित्र और संकल्प तथा मस्तिक को प्रखरता है ललाट पर बने सूर्य रेखा से मनुष्य को यश तथा सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त होती है यदि सूर्य रेखा निर्दोष हो कही कोई ग्रह के साथ मिलन नहीं हुआ है तथा सूर्य रेखा साफ दिखाई दे तब व्यक्ति के जीवन में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करता है,अपने जीवन काल में उच्य पद प्रतिष्ठा पर कार्य करते है साथ ही सामाजिक क्षेत्र बहुत ही उत्तम रहता है .