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मानव तस्करी और अंग प्रत्यारोपण के मामले में जयपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. जयपुर पुलिस ने पश्चिम बंगाल से मैड सफर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक सुमन जाना और कर्मचारी सुखमय नन्दी उर्फ गोपाल को दो अलग-अलग जगह पर दबिश देकर गिरफ्तार किया गया है. कंपनी के डायरेक्टर और उसमे काम करने वाले लोग धोखाधडी के जरिए मानव अंगों की खरीद फरोख्त करते थे.

ये बांग्लादेशी नागरिक भी गिरफ्तार
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के मुताबिक, इस मामले में सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी और फोर्टिस अस्पताल के अंग प्रत्यारोपण कॉडिनेटर गौरव सिंह और विनोद सिंह की गिरफ्तारी के के अलावा बांग्लादेशी नागरिक नूरुल इस्लाम, मेहन्दी हसन, शमीम, अहशानुल कोबीर, आजाद हुसैन भी पुलिस की पकड़ में हैं. इनसे पूछताछ में सामने आया था कि जयपुर के फोर्टिस अस्पताल का मैड सफर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के साथ अंग प्रत्यारोपण के लिए डोनर और रिसिपिएंन्ट लाने का एमओयू हो रखा है.
कोलकाता गई थी जयपुर पुलिस
आरोपी ने बताया था कि मैड सफर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और अन्य व्यक्तियों की कलकत्ता के आसपास होने की जानकारी होने पर एक विशेष टीम का गठन कर पश्चिम बंगाल भेजा गया था. जयपुर से भेजी गई इस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कम्पनी के निदेशक सुमन जाना और कर्मचारी सुखमय नन्दी उर्फ गोपाल को पश्चिम बगांल में दो अलग अलग जगह पर दबिश देकर गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों को जयपुर लाया जा चुका है और पूछताछ जारी है. कंपनी निदेशक सुमन जाना की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस फोर्टिस हॉस्पिटल के प्रबंधन और चिकित्सकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई कर सकती है. पुलिस हॉस्पिटल से जब्त रिकॉर्ड को खंगालने में लगी है
