ACB Big Action : राजस्थान में घूसखोर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. लेकिन इसके बाद भी रिश्वतखोरी का चलन समाप्त नहीं हो रहा है. प्रदेश में बीते कुछ दिनों में एसीबी ने कई घूसखोर अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें कई बड़ धनकुबेर भी मिले तो कई ऐसे ही मिले जिन्होंने नौकरी शुरू करते ही घुसखोरी शुरू कर देते हैं. प्रदेश में घुसखोरी के खिलाफ कार्रवाई का ताजा उदाहरण बाड़मेर जिले से सामने आया है. जहां एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक ग्राम विकास अधिकारी (VDO) और ई-मित्र संचालक को 12 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
नरेगा योजना की राशि स्वीकृति के लिए मांगी थी रिश्वत
मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बाड़मेर ने नरेगा में उपस्थित भरने और राशि स्वीकृत करवाने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में कार्रवाई करते हुए सेड़वा पंचायत समिति की कुंदनपुरा ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत कुंदनपुरा में दलाल ई-मित्र संचालक को 12 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. परिवादी द्वारा एसीबी बाड़मेर में शिकायत दर्ज करवाई गई थी जिस पर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कर कार्रवाई को अंजाम दिया है फिलहाल एसीबी आरोपी के घर सहित कई थी ठिकानों की जांच कर रही है. एसीबी बाड़मेर के उप अधीक्षक किशनसिंह चारण ने जानकारी देते हुए बताया कि परिवादी द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी कि महानरेगा कार्य में श्रमिकों की उपस्थिति भरकर मजदूरी की राशि जारी करने की एवज में शंकर लाल मीणा ग्राम विकास अधिकारी कुंदनपुरा रिश्वत की डिमांड कर परेशान कर रहा है. जिस पर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया और शिकायत सही पाएं जाने पर आज एसीबी की टीम के ट्रैप की कार्रवाई पूरी की.
आरोपियों के ठिकानों पर होगी तलाशी
एसीबी ने शुक्रवार को बाड़मेर में शंकर लाल मीणा ग्राम विकास अधिकारी कुंदनपुरा एवं दलाल सुभान खान ई मित्र संचालक निवासी कुंदनपुरा को परिवारी से 12 हजार रुपये रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. फिलहाल एसीबी की टीम आरोपियों को गिरफ्तार बाड़मेर ला रही है और आरोपियों के ठिकानों की तलाशी ली जा रही है.