Rajasthan : सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS) की मोर्चरी में एक विदेशी कैदी का शव 25 दिन से रखा है. लाश का पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा है, वजह सिर्फ इतना की उसके परिजन नहीं आ पाए हैं. लाश को मोर्चरी में रखना मानसिंह अस्पताल की मजबूरी है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि न्यायिक जांच जारी है. जांच के बाद ही शव का पोस्टमार्टम होगा. उसके बाद ही शव को सुपुर्द किया जाएगा.
जैसलमेर से गिरफ्तार हुआ था बांग्लादेश नागरिक
बांग्लादेश निवासी मेहमूद आलम (63) को गिरफ्तार हुए थे. जैसलमेर में संदिग्ध हालात में घूमते हुए फरवरी में मिला था. पुलिस ने उस पर पासपोर्ट एक्ट उल्लंघन का केस दर्ज किया था. सजा होने के बाद उसे सेंट्रल जेल जयपुर भेज दिया गया.
जेल में मेहमूद आलम की खराब हो गई थी तबीयत
जेल में मेहमूद आलम की तबीयत खराब हो गई. कैदी को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया. एसएमएस में उसका इलाज चल रहा था. 2 मई को उसकी मौत हो गई. मौत की सूचना विदेश मंत्रालय को दी गई थी. मेहमूद के परिजन से संपर्क किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. इसलिए अभी कैदी के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया.
मोर्चरी में पोस्टमार्टम का दबाव बढ़ता जा रहा
हीटवेव और अन्य कारणों से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. एसएमएस अस्पताल में भी मौत हो रही है. पोस्टमार्टम से मोर्चरी पर दबाव बढ़ रहा है. कई बार क्षमता से अधिक लाश पहुंच जाते हैं तो बहुत दिक्कत होती है. इतना ही नहीं, मोर्चरी में वर्तमान में 20 से ज्यादा अज्ञात लाश पड़े हैं. इस स्थिति में कैदी के शव को लंबे समय तक मोर्चरी में रखना भी चुनौती है.