पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बनाए गए 86 नगरीय निकायों की भाजपा सरकार समीक्षा करेगी। इसके लिए कमेटी गठित होगी, जो परीक्षण करेगी कि जिन पंचायतों को नगर पालिका बनाया गया, क्या वास्तव में उसकी जरूरत थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पॉलीटिकल कारणों से तो ऐसा नहीं किया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग की बैठक में समीक्षा के निर्देश दिए।
बैठक में स्वायत्त शासन मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने सीएम को बताया कि उनसे कई जनप्रतिनिधि मिले हैं, जिन्होंने पालिका को वापस ग्राम पंचायत में तब्दील करने की जरूरत जताई है। आदिवासी क्षेत्रों में ऐसे मामले ज्यादा हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पंचायतों को
नगर पालिका बनाते समय न तो स्टाफ और संसाधनों की जरूरत की समीक्षा की और न ही वहां की आवश्यकता की। कई पंचायतों के पालिका बनने के बाद वहां नरेगा में काम नहीं करा पाने की स्थिति बन गई है।
बोले-जांच करो
प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर शिकायतों पर चर्चा हुई तो सीएम ने ऐसे मामलों की जांच के लिए कहा है। गंभीर शिकायतों की जांच जल्द शुरू होगी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में चले इसे अभियान को लेकर भाजपा सरकार के पास अनियमितताओं की कई शिकायत पहुंची हैं।