मुख्य जेल प्रहरी वीरपाल सिंह के पास 250 हार्डकोर बदमाशों की देखरेख की जिम्मेदारी थी. उसी ने हार्डकोर बदमाशों को मोबाइल सिम देकर अन्य अपराधियों से संपर्क कराने में मदद कराई थी. जांच अधिकारी सीओ रूद्रप्रकाश ने बुधवार (25 सितंबर) रात मुख्य जेल प्रहरी वीरपाल को गिरफ्तार कर लिया. वीरपाल किशनगढ़ का रहने वाला है.
27 जून को अजमेर जेल में मिला था मोबाइल सिम
सीओ नॉर्थ रूद्रप्रकाश ने बताया, “27 जून 2024 को हाई सिक्योरिटी जेल के अधीक्षक पारस जांगिड़ ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दी थी. जेल में बंद विक्रम गुर्जर और उसके साथी रोशन जाट के बैरक में मोबाइल मिला. दोनों राजू ठेहट की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं. विक्रम गुर्जर और रोशन जाट लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य हैं.”
कालूराम से जेल प्रहरी ने लिया था सिम
तत्कालीन आईजी लता मनोज कुमार ने जांच के आदेश दिए थे. जांच में पता चला की मोबाइल से मिला सिम किसी कालूराम के नाम से है. कालूराम को पुलिस को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि हाई सिक्योरिटी जेल के मुख्य जेल प्रहरी वीरपाल ने उससे सिम ली थी.
मुख्य जेल प्रहरी से हो रही पूछताछ
मुख्य जेल प्रहरी वीरपाल सिंह से पुलिस पूछताछ कर रही है. मोबाइल सिम से हार्डकोर बदमाश विक्रम गुर्जर और रोशन जाट किन-किन अपराधियों से बात कर रहे थे. इसकी जांच की जाएगी. मुख्य जेल प्रहरी वीरपाल सिंह को कोर्ट में पेश करके चालान किया जाएगा.
जेल में 200 से ज्यादा हार्डकोर बदमाश बंद हैं
हाई सिक्योरिटी जेल में 200 से अधिक हार्डकोर बदमाश बंद हैं. उदयपुर के कन्हैयाला हत्याकांड के आरोपी, आंनदपाल गैंग से जुड़े सदस्य और राजू ठेहट हत्याकांड से जुड़े कुख्यात अपराधी बंद हैं. लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े सदस्य भी इसी हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं.