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राजस्थान में पंचायतों का भूगोल बदलेगा,समितियों की संख्या घटेगी, चुनाव की नई तारीखें सामने आईं

राजस्थान। रिपोर्ट टाइम्स।

राजस्थान में पंचायत राजनीति एक नई करवट ले रही है। सरकार ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने का संकेत देकर प्रशासनिक हलचल बढ़ा दी है। अब 7463 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और वार्ड पंचों का भविष्य प्रशासकों के हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है।

प्रदेश की 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2025 में खत्म हो रहा है, जबकि 704 पंचायतें फरवरी 2025 में अपनी अवधि पूरी करेंगी। चुनाव की उम्मीद लगाए बैठे ग्रामीण अब प्रशासक नियुक्ति की संभावनाओं को लेकर चर्चा कर रहे हैं।  सरकार के इस फैसले ने गांव-गांव में चुनावी हलचल की जगह सस्पेंस का माहौल पैदा कर दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासनिक नियुक्तियों का यह कदम किस दिशा में जाता है और ग्रामीणों पर इसका क्या असर होता है।

पंचायतों का पुनर्गठन होगा

भजनलाल सरकार ने शनिवार को अपनी कैबिनेट बैठक में पंचायत चुनाव के लिए बड़ा फैसला लिया। सरकार ने प्रदेशभर में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। इस पुनर्गठन को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा। यह प्रस्ताव अगले बीस दिनों के भीतर संबंधित कलक्टरों को भेजे जाने की संभावना है। सरकार का यह कदम पंचायतों में व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और समर्पित बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

पुनर्गठन के बाद होंगे पंचायत चुनाव

पंचायतों के पुनर्गठन के बाद ही पंचायत चुनाव आयोजित किए जाएंगे। यह पुनर्गठन पंचायत समितियों के कार्यों को अधिक सटीक और कार्यकुशल बनाने की दिशा में एक कदम है। पहले एक पंचायत समिति बनाने के लिए 40 ग्राम पंचायतों की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब यह संख्या घटाकर 25 कर दी गई है। पंचायतों के पुनर्गठन के बाद, कलक्टरों द्वारा सरकार को प्रस्ताव भेजने के बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी।

पंचायत समिति और जिला परिषदों का भी पुनर्गठन

ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन में जनसंख्या की बाध्यता पर भी कुछ छूट दी जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की वास्तविक जरूरतों को बेहतर ढंग से संबोधित किया जा सके। इसके अलावा, जिला परिषदों और पंचायत समितियों का भी पुनर्गठन किया जाएगा। पहले 40 वार्डों वाली पंचायत समितियों की संख्या अब घटाकर 25 कर दी जाएगी, जिससे हर पंचायत में ज्यादा सुव्यवस्थित और सटीक प्रतिनिधित्व संभव होगा।

नए पुनर्गठन से आएगा सुधार

भजनलाल सरकार का मानना है कि इस पुनर्गठन से पंचायतों में कार्यक्षमता में सुधार होगा और चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समर्पित तरीके से संपन्न होगी। यह कदम पंचायतों की संरचना को प्रभावी बनाने और ग्रामीण विकास में बेहतर सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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