रिपोर्ट टाइम्स।
यमुना जल समझौते को लेकर बहस छिड़ी हुई है। भजनलाल सरकार के इस समझौते पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। विपक्ष की ओर से पूछा जा रहा है कि यमुना जल समझौते से राजस्थान को क्या फायदा होगा?
सरकार को इस बात का विस्तृत जवाब देना चाहिए। इस बीच इस मामले में राजस्थान और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई है।
यमुना जल समझौते को लेकर दिल्ली में बैठक
यमुना जल समझौते को लेकर 7 जनवरी को दिल्ली में अहम बैठक हुई। इसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की मौजूदगी में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सैनी के बीच बातचीत हुई।
बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सैनी ने यमुना जल समझौते को लेकर बयान दिया।
यमुना समझौते पर क्या बोले CM भजनलाल
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक के बाद इस मामले में बताया कि यमुना जल समझौते के लिए राजस्थान में टास्क फोर्स बनाई जा चुकी है। समझौते के तहत DPR बनाने का काम भी शुरु कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि इस समझौते के तहत राजस्थान के सीकर, झुंझुनूं और चूरू जिले को करीब 500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके लिए फरवरी 2024 में राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्ट के साथ समझौता किया था।
यमुना समझौते से राजस्थान को क्या फायदा
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सैनी का कहना है कि बारिश के दिनों में यमुना का अतिरिक्त पानी बह जाता है। वह अब राजस्थान को मिल पाएगा। इसको लेकर पहले समझौता हुआ था। जिसके तहत राजस्थान और हरियाणा को टास्क फोर्स बनानी है। राजस्थान इसके लिए टास्क फोर्स बना चुका है, अब हरियाणा में भी जल्द टास्क फोर्स बना दी जाएगी। CM नायाब सैनी का कहना है कि बरसात में यमुना का जो पानी बहकर चला जाता है, अच्छा है वो राजस्थान की जनता को मिले।