रिपोर्ट टाइम्स।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए यमुना जल समझौते को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने इसे ‘राजस्थान के साथ छल’ करार देते हुए कहा कि इस में राजस्थान के हितों को गिरवी रखकर हरियाणा को मालिक बनाने की साजिश की गई है। डोटासरा ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार शेखावाटी की जनता को भ्रमित करके राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि 17 फरवरी 2024 को हुए नए समझौते में 1994 के मूल समझौते की शर्तों का उल्लंघन और राजस्थान के हितों का आत्मसमर्पण किया गया है।
राजस्थान के राजनैतिक मैदान में यमुना जल समझौते को लेकर ताजा विवाद गहराता जा रहा है। गोविंद सिंह डोटासरा का यह बयान भाजपा सरकार के खिलाफ एक सशक्त राजनीतिक बयानबाजी के रूप में सामने आया है, जिसका असर आगामी चुनावी माहौल पर पड़ सकता है।
समझौते के खिलाफ कांग्रेस का विरोध.. ‘सच्चाई छिपाई जा रही है
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस समझौते को राजनीतिक डर के कारण जनता से छिपा रही है। डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने 11 महीने से ज्यादा समय हो गया, लेकिन वह अब तक इस MoU को सार्वजनिक करने में सक्षम नहीं हो पाई है, न ही उसने जनता के सामने प्रगति रिपोर्ट पेश की है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्यों सरकार ने नई DPR को समय पर पूरा नहीं किया और क्यों यह समझौता इतने लंबे समय तक छिपाया गया।
BJP की नाकामी को उजागर करते हुए डोटासरा ने कहा
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने शेखावाटी क्षेत्र के लिए 31000 करोड़ रुपये की DPR तैयार की थी, ताकि यमुना का पानी जनता तक पहुंच सके। लेकिन केंद्र सरकार ने उस योजना को रोक दिया। उन्होंने यह भी बताया कि 1994 के मूल समझौते में यह तय किया गया था कि राजस्थान के तीन जिलों को 1.19 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा, लेकिन अब हरियाणा को प्राथमिकता दी जा रही है और राजस्थान को केवल अतिरिक्त पानी मिलेगा, जो कि उनके अनुसार, एक बड़ा छल है।
भाजपा की रणनीति पर कांग्रेस का तीखा विरोध
कांग्रेस ने भाजपा की जल नीति पर भी सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया कि भाजपा ने राजनीतिक फायदे के लिए राजस्थान के हितों को कुर्बान कर दिया है। डोटासरा ने चेतावनी दी कि राजस्थान के लोग अब इस धोखाधड़ी को नहीं सहेंगे और आने वाले चुनावों में इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी और राजस्थान के प्रति उदासीनता को जनता सजा देगी।