रिपोर्ट टाइम्स।
एलआईसी समेत 9 कंपनियों को प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्ट करने को लेकर 900 करोड़ रुपए का नोटिस मिला है. वास्तव में ये नोटिस मुंबई खड़ी प्रॉपर्टीज को लेकर मिला है. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा दो दिन पहले जीवन बीमा कंपनी (एलआईसी), कमला मिल्स, डीबीएस रियल्टी और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) जैसी 9 कंपनियों की संपत्तियों को कुर्क करने का नोटिस दिया गया था. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह की जानकारी सामने आई है.
कब भेजा गया नोटिस
यह कार्रवाई तब शुरू की गई जब पूर्व नगरसेवक और बीएमसी में विपक्ष के पूर्व नेता रवि राजा ने नगर निगम आयुक्त भूषण गगरानी से मुलाकात की और 15 जनवरी को एक पत्र सौंपा, जिसमें उनसे मलिन बस्तियों में कमर्शियल स्ट्रक्चर्स से संपत्ति कर इकट्ठा करने के प्रस्ताव को रद्द करने का आग्रह किया गया. राजा ने दावा किया कि यह अनुचित है जबकि बीएमसी को अभी भी डेवलपर्स और प्राइवेंट कंपनियों से 6,000 रुपए करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स वसूलना बाकी है.
कोलाबा से सांताक्रूज वेस्ट तक
एचटी कर रिपोर्ट के अनुसार कोलाबा, कुर्ला-साकी नाका, माटुंगा, परेल, बांद्रा, खार और सांताक्रूज़ पश्चिम में विभिन्न संस्थाओं से 900 करोड़ रुपए का संपत्ति कर बकाया है. राजा ने आरोप लगाया कि बीएमसी के मूल्यांकन और संग्रह विभाग के निचले स्तर के अधिकारी उन लोगों के साथ मिले हुए हैं जिन पर बीएमसी का बकाया है. ये छोटे अधिकारी हर तिमाही में रिश्वत लेते हैं. इस तरह बकाया राशि इतनी बड़ी हो जाती है.
उन्होंने कहा कि मुंबई की मलिन बस्तियों में छोटे वाणिज्यिक सेट-अप से 200 करोड़ रुपए के लक्ष्य के साथ संपत्ति कर वसूलने का प्रस्ताव था, जो बड़ी मछलियों को देखते हुए अनुचित था. कोविड महामारी के दौरान झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. अब जब वे आर्थिक रूप से उबरने लगे हैं, तो उन्हें संपत्ति कर के दायरे में लाना गलत है.