दिल्ली। रिपोर्ट टाइम्स।
आज गणतंत्र दिवस दिवस है, नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में देश की सेना का शौर्य दिख रहा है, भारतीय वायुसेना भी परेड में शामिल. इस बार भारतीय वायुसेना के परेड कमांडर की जिम्मेदारी स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराटी संभाल रहे थे। गराटी का कहना है कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा गर्व का क्षण है। महेंद्र सिंह गराटी कौन हैं, कहां के रहने वाले हैं.
राजस्थान के महेंद्र सिंह परेड कमांडर
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में मुख्य समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें भारतीय संस्कृति की शोभा के साथ भारतीय सेना का शौर्य और पराक्रम भी नजर आया। इस दौरान राजस्थान के वीर जवानों ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। राजस्थान के महेंद्र सिंह गराटी गणतंत्र दिवस पर वायुसेना की परेड की कमान संभाले नजर आए। परेड में वायुसेना अधिकारियों के साथ सेना के 100 से ज्यादा जवान शामिल हुए। परेड कमांडर की जिम्मेदारी मिलने पर महेंद्र सिंह काफी खुश नजर आए, उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है।
कौन हैं महेंद्र सिंह? जो बने परेड कमांडर
महेंद्र सिंह गराटी भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं। महेंद्र सिंह गराटी मूलत: राजस्थान के रहने वाले हैं। वहीं राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पठाना गांव के निवासी हैं। महेंद्र गराटी की शिक्षा चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल से हुई। इसके बाद साल 2011 में महेंद्र सिंह का चयन NDA के लिए हुआ। इसके बाद 2014 में महेंद्र सिंह गराटी ने पुणे की खड़कवासला नेशनल डिफेंस एकेडमी से प्रशिक्षण लिया।
दादा 1965 में पाकिस्तान को चटा चुके धूल !
वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराटी गणतंत्र दिवस समारोह में वायुसेना के परेड के कमांडर की जिम्मेदारी मिलने पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनके जीवन का गर्व का क्षण है, इस परेड के लिए वह कई दिनों से तैयारियों में जुटे हुए थे। खास बात ये है कि महेंद्र सिंह गराटी के दादा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराटी के दादा हरिद्वार लाल गुर्जर थे। उन्होंने 1965 में भारत- पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में मोर्चा संभाला था और पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटाते हुए शहीद हो गए थे। पिता बाबूलाल गराटी भी हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।