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1 या 2 मार्च, भारत में कब रखा जाएगा रमजान का पहला रोजा?

रिपोर्ट टाइम्स।

इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है. रमजान के महीने को इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना भी कहा जाता है. रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं, जिसमें वे सुबह से शाम तक बिना कुछ खाए-पिए रहते हैं. रोजा रखने के साथ-साथ इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग कुरान पढ़ते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं.

इस साल 2025 में 1 मार्च से रमजान शुरू होने जा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि 28 फरवरी को चांद दिख सकता है. आमतौर पर, रमजान का पहला रोजा चांद दिखने के अगले दिन रखा जाता है. सऊदी अरब में चांद दिखने के एक दिन बाद भारत में चांद दिखाई देता है. रमजान शुरू होने की सही तारीख चांद दिखने के बाद ही तय होगी. जब सऊदी अरब में चांद दिखता है तो भारत के केरल राज्य में चांद दिखता है. जिसके कारण सिर्फ भारत के केरल राज्य में सऊदी अरब के साथ रोजा रखा जाएगा.

सऊदी अरब में पहला रोजा 1 मार्च 2025 को रखा जाएगा. इस दिन से पवित्र माह रमजान की शुरुआत होगी. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, 1 मार्च से रमजान शुरू होगा. 29 और 30 मार्च 2025 को रमजान के आखिरी रोजे होंगे. चांद देखने के हिसाब से ईद-उल-फितर

भारत के हिसाब से देखें तो, भारत में ईद सऊदी अरब के एक दिन बाद में मनाई जाती है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि भारत में केरल राज्य को छोड़कर 2 मार्च 2025 से रमजान की शुरुआत होगी और इसी दिन पहला रोजा रखा जाएगा. रमजान का महीना 29 या 30 दिन का हो सकता है.

इन बातों का रखें खास ख्याल

  • रोजा, इस्लाम धर्म के 5 मूल स्तंभों में से एक है.
  • रोजे को अरबी में ‘सोम’ कहते हैं, जिसका मतलब है ठहरना या थमना.
  • रोजा रखना सभी बालिग मुसलमानों के लिए जरूरी बताया गया है.
  • रोजेदार रमजान के दौरान सूरज निकलने से सूर्यास्त तक खाने-पीने से बचते हैं.
  • रमजान के दौरान लोगों को हर बुराई से बचना चाहिए.
  • धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार रमजान के महीने में रोजा रखने से शरीर और आत्मा शुद्ध होती है.

रमजान का महत्व

रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इस महीने में रोजा रखने, कुरान पढ़ने और अल्लाह की इबादत करने से मुस्लिम समुदाय के लोगों के गुनाह माफ होते हैं और उन्हें जन्नत की प्राप्ति होती है. रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं, जिससे उन्हें अल्लाह का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

30 मार्च 2025 को होने की संभावना है. लेकिन आखिरी फैसला चांद दिखने पर ही होता है.

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