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मोबाइल टावर पर चढ़ी नाबालिग गैंगरेप पीड़िता पुलिस वाले 4 घंटे तक समझाते रहे

दौसा। रिपोर्ट टाइम्स।

दौसा जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पॉक्सो एक्ट के तहत गैंगरेप की शिकार 15 साल की एक किशोरी ने न्याय न मिलने के विरोध में मोबाइल टावर पर चढ़कर धरना दिया। वह करीब 4 घंटे तक टावर पर डटी रही और जांच अधिकारी (IO) बदलने तथा दोबारा मेडिकल जांच कराने की मांग करती रही। उसका आरोप था कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की। इस घटना ने पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया।

यह मामला मानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां करीब 7 महीने पहले पीड़िता ने दो युवकों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के दबाव में आकर केस में ठोस कार्रवाई नहीं की। उसने कहा, “मैंने जयपुर रेंज आईजी और एसपी को भी शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज मैंने यह कदम न्याय पाने के लिए उठाया है।”

पुलिस ने पीड़िता को समझाया

मानपुर थाना इंचार्ज सतीश कुमार ने बताया कि पीड़िता को समझा-बुझाकर टावर से नीचे उतार लिया गया है। जांच अधिकारी ने उससे बातचीत की है और उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। पुलिस ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर महिला सुरक्षा और न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करती है। पीड़िता का यह कदम समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अब सवाल यह है कि क्या पीड़िता को जल्द न्याय मिल पाएगा, या यह मामला भी लंबी कानूनी प्रक्रिया का शिकार होगा?

पीड़िता ने एडीजी क्राइम को दिया था ज्ञापन

15 साल की गैंगरेप पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसने एडीजी क्राइम को ज्ञापन देकर जांच अधिकारी नांगल राजावतान डीएसपी चारुल गुप्ता को बदलने और मेडिकल जांच दोबारा कराने की मांग की थी। हालांकि, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी निराशा और हताशा के चलते उसने मोबाइल टावर पर चढ़ने का कदम उठाया।

जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह 7 बजे पीड़िता अपने घर से निकली और सिकराय रोड पर स्थित एक मोबाइल टावर पर चढ़ गई। इस अचानक घटनाक्रम से पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सकते में आ गए। मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। डीएसपी चारुल गुप्ता और एसडीएम नवनीत कुमार मौके पर पहुंचे और उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन पीड़िता टावर से उतरने के लिए तैयार नहीं हुई।

4 घंटे तक चला विरोध, SDRF टीम को बुलाया गया

अनहोनी की आशंका के चलते दौसा से एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) की टीम को मौके पर बुलाया गया। टावर के नीचे सुरक्षा जाल लगाया गया। करीब 4 घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद, पुलिस और प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने पर पीड़िता सुबह 10:30 बजे के आसपास टावर से नीचे उतरी। इसके बाद पुलिस ने उसे अस्पताल ले जाकर मेडिकल जांच कराई और मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया।

पीड़िता ने 29 जुलाई 2024 को मानपुर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि 2 मार्च से 24 जुलाई 2024 के बीच उसके साथ कई बार दुष्कर्म और गैंगरेप की घटनाएं हुईं। पीड़िता का आरोप है कि आरोपियों की राजनीतिक रसूख के कारण डॉक्टर और पुलिस पर दबाव बनाया गया, जिसके चलते मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

एसपी ने कहा- मामले की जांच जारी है

दौसा एसपी सागर राणा ने इस मामले पर कहा कि केस दर्ज होने के बाद तय अवधि में जांच अधिकारी ने जांच पूरी करते हुए एफआर (फाइनल रिपोर्ट) पेश कर दी थी। हालांकि, कोर्ट ने केस को दोबारा खोलने के आदेश दिए थे। एसपी ने कहा कि मामले में सभी सबूतों की जांच जारी है और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर महिला सुरक्षा और न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करती है। पीड़िता का यह कदम समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अब सवाल यह है कि क्या पीड़िता को जल्द न्याय मिल पाएगा, या यह मामला भी लंबी कानूनी प्रक्रिया का शिकार होगा?

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