रिपोर्ट टाइम्स।
दिल्ली एनसीआर में काम करने वाले रियल एस्टेट बिल्डर्स के बुरे दिन शुरू हो गए हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और दूसरी इंफोर्समेंट एजेंसीज अलग-अलग रियल एस्टेट बिल्डर्स के घरों और दफ्तरों में छापोमारी कर रही है. कुछ दिन पहले भूटानी और उसके बाद डब्ल्यूटी ग्रुप के दफ्तरों पर ईडी की ओर से छापे मारी की थी. कई तरह के फ्रॉड सामने आए थे. डब्ल्यूटी ग्रुप के प्रमोटर को हिरासत तक में ले लिया गया. अब जो मामला सामने आया है वो काउंटी बिल्डर ग्रुप का है. बिल्डर के घर और दूसरे अन्य ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर छापेमारी की गई है. जिसमें करोड़ों रुपयों का कैश, जेवरात के अलावा 100 करोड़ रुपए के टैक्स चोरी के इनपुट तक मिले हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आईटी को अपनी छापेमारी में क्या हाथ लगा है.
करोड़ों कैश और टैक्स चोरी के इनपुट
रियल एस्टेट मार्केट जिस तेजी के साथ उभरता हुआ दिखाई दे रहा था. अब उसी तेजी के साथ इसके काले सच भी सामने आ रहे हैं. लगातार बिल्डर्स पर होती कार्रवाई रियल एस्टेट के करतूतों का स्याह सच है. जिसे अभी तक लोग एक्सेप्ट नहीं कर पा रहे हैं. मामला अब काउंटी बिल्डर ग्रुप का सामने आया है. जिसके ठिकानों पर लगातार 6 दिनों तक आईटी की छापेमारी चली है. इस छापेमारी में आईटी को 8 करोड़ रुपए कैश और 17 करोड़ रुपए के जेवरात मिलने की बात सामने आई है. ये छापेमारी बिल्डर ग्रुप के अलावा पार्टनर्स और उससे जुड़े प्रॉपर्टी एजेंटों के ठिकानों पर बुधवार से लगातार देखने को मिल रही थी.
100 करोड़ के टैक्स चोरी के इनपुट
वहीं दूसरी ओर बिल्डर की ओर से टैक्स चोरी का मामला भी सामने आया है, जोकि काफी बड़ा है. जानकारी के अनुसार आईटी की टीम को 100 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के इनपुट मिले हैं. जिन्हें लेकर आईटी टीम डिपार्टमेंट वापास आ गई है. जानकारी के अनुसार छापेमारी में मिले इनपुट का असेसमेंट किया जाएगा. उसके बाद टैक्स चोरी की असल रकम सामने निकलकर आएगी. असेसमेंट के बाद डिपार्टमेंट की ओर से टैक्स भुगतान का नोटिस तक जारी किया जाएगा. उसके बाद डिपार्टमेंटल कार्रवाई भी जाएगी.
मिले कई अहम इनपुट
जानकारी के अनुसार ये छापेमारी कैश में प्रॉपर्टी सेल पर हुई थी. 6 दिनों तक चली आईटी की इस छापेमारी में कई दूसरे अहम इनपुट भी मिले हैं. मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इन तमाम इनपुट के अलावा दूसरे इनपुट और फैक्ट्स भी सामने आए हैं. यहां तक कि बिल्डर की ओर से प्रॉपर्टी सेल का पूरा ब्योरा भी जांच के दायरे में रखा है. ताकि पता चल सके कि इस तरह की धांधली कब से चल रही थी. वहीं दूसरी ओर प्रॉपर्टी सेल और परचेज में एजेंट्स की भूमिका भी बड़ा खुलासा हुआ है जो कैश में डील कराने वाले एक सेतु की तरह काम कर रहे थे.