रिपोर्ट टाइम्स।
राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। वन रक्षक भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक मामले में एक और बड़ा रिपोर्ट टाइम्स खुलासा हुआ है। शुक्रवार (21 मार्च) को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस नेता नरेश देव सहारण को बाड़मेर स्थित उनके मकान से हिरासत में लिया। आज (22 मार्च) को उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है, जिसके बाद उन्हें जयपुर ले जाने की सूचना है। हालांकि, अभी इस पर आधिकारिक मुहर नहीं लगी है।
नरेश देव सहारण, जो पहले एनएसयूआई के छात्रसंघ अध्यक्ष और बाड़मेर पीजी कॉलेज के पूर्व पार्षद रह चुके हैं, का नाम इस घोटाले में सामने आने से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। उन्हें गहलोत सरकार के कार्यकाल में मनोनीत पार्षद भी बनाया गया था। उनकी गिरफ्तारी ने विपक्ष को हमलावर बना दिया है और पेपर लीक मामले में राजनीतिक गठजोड़ की ओर इशारा कर रही है।
अब सवाल उठता है कि क्या इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आएंगे? एसओजी की आगामी कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
चार साल तक राजनीतिक रसूख का खेल
नरेश देव सारण एनएसयूआई का पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और कांग्रेस सरकार में मनोनीत पार्षद रह चुका है। कांग्रेस सरकार के दौरान अपने प्रभाव और राजनीतिक पकड़ के चलते वह किसी भी जांच के दायरे में नहीं आया। लेकिन अब भाजपा सरकार बनने के बाद SOG ने इस घोटाले पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को नरेश देव सारण को हिरासत में लेकर जोधपुर लाया गया।
क्या जयपुर में होगा बड़ा खुलासा?
सूत्रों के मुताबिक, SOG अब नरेश देव सारण को जयपुर ले जाने की तैयारी में है। हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस नेता इस घोटाले में सिर्फ मोहरा था या फिर इसमें बड़े नाम भी शामिल हैं? SOG की पूछताछ में कई और खुलासे हो सकते हैं।
पेपर लीक कांड में और कौन फंसेगा?
इस गिरफ्तारी के बाद राजस्थान की सियासत गरमा गई है। क्या SOG अब इस घोटाले में और नेताओं के नाम उजागर करेगी? क्या कोई और बड़ा चेहरा इस कांड में फंसने वाला है? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आ सकते हैं। फिलहाल, यह मामला कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनता दिख रहा है।