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शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर बोले अमित शाह

रायगढ़। रिपोर्ट टाइम्स।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि पर शनिवार (12 अप्रैल ) को रायगढ़ किले में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. रायगढ़ किला संवर्धन समिति की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने शिवाजी महाराज की वीरता की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि खुद को आलमगीर कहने वाला मुगल बादशाह औरंगजेब जीवन भर मराठों के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहा, लेकिन पराजित हुआ और यहीं दफनाया गया.

शाह ने कहा कि औरंगजेब खुद को आलमगीर बताता था. वो पूरी जिंदगी महाराष्ट्र में मराठाओं से लड़ा, हारे हुए व्यक्ति के रूप में मरा और यहीं पर दफन हो गया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की विचारधारा स्वधर्म और स्वराज की थी. वे देश के 100वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत को सुपरपावर बनने के लिए निरंतर प्रेरित करते रहेंगे. उन्होंने कहा ‘मैं महाराष्ट्र के लोगों से अपील करता हूं कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज को राज्य तक सीमित न रखें. उनकी जबरदस्त इच्छाशक्ति, दृढ़ संकल्प और साहस देश को प्रेरित करते हैं क्योंकि उन्होंने रणनीतिक रूप से समाज के सभी वर्गों को एकजुट किया’.

‘खुदको आलमगीर कहने वाला महाराष्ट्र में पराजित हुआ’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज ने मुगलशाही (मुगल शासन) को हराया था. यहां तक कि अपने आप को आलमगीर (दुनिया को जीतने वाला) कहने वाला शख्स (औरंगजेब) महाराष्ट्र में पराजित हुआ और यहीं उसकी समाधि बनी. शाह ने कहा कि महान मराठा योद्धा (शिवाजी) के आदर्श भारत को अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाने और महाशक्ति बनने की यात्रा के दौरान प्रेरित करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार शिवाजी महाराज के आदर्शों पर काम करती है.

‘महाराज की समाधि भविष्य की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत’

अमित शाह ने रायगढ़ के किले को मराठा किंगडम की राजधानी बताते हुए कहा कि शिवाजी महाराज की समाधि पूरे भारत और भविष्य की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है. उन्होंने कहा कि ये स्थल एक पर्यटन केंद्र से ज्यादा लोगों को आत्मविश्वास से भरने वाला स्थल है. शाह ने कहा कि भारत 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा और एक महाशक्ति बनने की आकांक्षा रखता है, ऐसे में शिवाजी महाराज एक प्रेरणा स्रोत हैं. उनकी ‘राजमुद्रा’ (शाही चिह्नन) का उपयोग भारतीय नौसेना के ध्वज में किया जाता है, जो राष्ट्र पर उनके स्थायी प्रभाव का प्रतीक है. उन्होंने स्वधर्म के लिए लड़ाई जारी रखने और सुशासन एवं न्याय पर शिवाजी महाराज की शिक्षाओं को कायम रखने के महत्व पर बल दिया.

इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री के साथ राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार के साथ ही बीजेपी के सांसद उदयनराजे भोसले और राज्य मंत्री शिवेंद्रसिंह भोसले भी मौजूद थे. उदयनराजे और शिवेंद्रसिंह भोसले मराठा शासक के वंशज हैं. कार्यक्रम में फडणवीस ने अरब सागर में शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इस परियोजना से संबंधित याचिका को वापस बंबई हाई कोर्ट को भेज दिया गया है.

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