राजस्थान मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राज्य सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब तक आयोग में सात सदस्य होते थे, जिसे बढ़ाकर दस किया जाएगा. सरकार का मानना है कि इस कदम से आयोग की निर्णय क्षमता में बढ़ोतरी होगी और लंबित प्रक्रियाओं का निपटारा तेजी से हो सकेगा.

पदोन्नति के मामले में भी बड़ी अपडेट
कैबिनेट बैठक में नगरीय विकास, मेडिकल ट्यूरिजम और कर्मचारी सेवा नियमों को लेकर भी अहम फैसले लिए गए. वर्ष 2025-26 में पदोन्नति हेतु पात्र कर्मचारियों को दो वर्ष की विशेष छूट दी जाएगी. यह छूट उन कर्मचारियों को मिलेगी जो विगत वर्षों में किन्हीं कारणों से पदोन्नति का लाभ नहीं ले पाए थे. इससे सरकारी सेवा में ठहराव खत्म होगा और योग्य कर्मियों को समय पर प्रोत्साहन मिलेगा.
सदस्यों की संख्या बढ़ाने के पीछे दिया यह तर्क

उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा ने संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है. आयोग की सदस्य संख्या बढ़ाने से परीक्षाओं का संचालन अधिक सुगमता से होगा और युवाओं को समयबद्ध भर्ती प्रक्रिया का लाभ मिलेगा.
जेल में बंद RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है. मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि आयोग की गरिमा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है.
RPSC के सदस्यों को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं

गौरतलब है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के पुनर्गठन की मांग बार-बार उठती रही है. पिछले कुछ सालों में लगातर पेपर लीक के मामलों के बाद आयोग की साख को गहरा धक्का लगा है. हाल ही में सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक यूआर साहू को आयोग का चेयरमेन बनाया था. हालांकि, कई बार RPSC के सदस्यों को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं.
