REPORT TIMES : राजस्थान के सीकर जिला कोर्ट ने 2019 में कलेक्ट्रेट के सामने सड़क जाम करने और पुलिस पर अनुचित टिप्पणी के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. सीकर की एडीजे कोर्ट संख्या एक ने वर्तमान सांसद अमराराम, पूर्व विधायक पेमाराम, बलवान पूनिया सहित 20 लोगों को बरी कर दिया है. यह मामला 2019 में हुए एक प्रदर्शन से जुड़ा था, जिसमें छात्र संगठन और विभिन्न संगठनों ने हिस्सा लिया था.
जानें क्या था मामला
17 सितंबर 2019 को तत्कालीन कोतवाली थाना अधिकारी श्रीचंद ने मामला दर्ज कराया था. उनके अनुसार, 28 अगस्त 2019 को सीकर के राजकीय कन्या महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के दौरान मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्र संगठन एसएफआई ने प्रदर्शन किया था. छात्राओं ने प्रिंसिपल को निलंबित करने की मांग की थी.
इसके बाद एसएफआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जनवादी नौजवान सभा और किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कृषि उपज मंडी में सभा की और रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे.
पुलिस को गाली देने का आरोप
रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट के सामने मुख्य सड़क जाम कर धरना शुरू कर दिया. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी. इस दौरान लाउडस्पीकर पर भाषण, नारेबाजी और पुलिस के खिलाफ अनुचित टिप्पणियां की गईं.
पुलिस ने इसे आधार बनाकर सांसद अमराराम, पूर्व विधायक पेमाराम, बलवान पूनिया, माकपा नेता कम कुरैशी, एसएफआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जाखड़, पूर्व प्रधान उस्मान खा सहित 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
कोर्ट ने सुनाया फैसला
मामले की जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया था. लंबी सुनवाई के बाद सीकर की एडीजे कोर्ट संख्या एक ने सभी 20 आरोपियों को बरी कर दिया. एडवोकेट झाबरमल रॉयल ने बताया कि कोर्ट ने सबूतों के अभाव में यह फैसला सुनाया. इस फैसले से आरोपियों को बड़ी राहत मिली है.