REPORT TIMES : राजस्थान की राजनीति में इन दिनों धार्मिक और आध्यात्मिक शख्सियतों की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है. इसी कड़ी में एक बड़ी खबर जयपुर से आई है, जहां बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. मुख्यमंत्री निवास पर हुई यह मुलाकात यूं तो ‘शिष्टाचार भेंट’ बताई जा रही है, लेकिन सियासी गलियारों में इसकी चर्चा जोरों पर है.
सांगानेरी पटका पहनाकर सम्मान
धीरेंद्र शास्त्री सोमवार को जयपुर पहुंचे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से उनके निवास पर मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने खुद शास्त्री का स्वागत किया और उन्हें सांगानेरी पटका पहनाकर सम्मान दिया. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई.
भजनलाल सरकार शुरू से ही अपने धार्मिक एजेंडे को लेकर मुखर रही है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सरकार ने राम मंदिर दर्शन के लिए राजस्थान गौरव यात्रा शुरू की थी. इसके अलावा, राज्य में धार्मिक स्थलों के विकास पर भी जोर दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि धीरेंद्र शास्त्री से हुई यह चर्चा भी इसी एजेंडे को आगे बढ़ाने का हिस्सा है.
धीरेंद्र शास्त्री ने दिया ‘हिंदू राष्ट्र’ का बयान
इस मुलाकात से पहले, धीरेंद्र शास्त्री ने सीकर जिले के रैवासा धाम में एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया था. उन्होंने भरी सभा में कहा था, ‘अगर हिंदू राष्ट्र का झंडा कहीं फहराया जाएगा तो उसमें पहला नंबर राजस्थान का ही होगा.’ उनके इस बयान ने राजस्थान के सियासी हलकों में हलचल मचा दी थी.
क्या हैं इस मुलाकात के राजनीतिक मायने?
जानकारों का मानना है कि यह मुलाकात केवल शिष्टाचार भेंट नहीं है, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक मायने हैं. राजस्थान में एक बड़ा वर्ग धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है. धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोकप्रिय संत से मिलकर बीजेपी इस वर्ग को अपने पाले में बनाए रखना चाहती है. जानकारों का मत है कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे संतों का समर्थन बीजेपी के कोर वोटर और हिंदुत्व को मज़बूत करने के बीजेपी सरकार के प्रयासों में सहायक हो सकता है.