मेरठ के दौराला स्टेशन पर शनिवार को 12 कोच वाली सहारनपुर-दिल्ली पैसेंजर ट्रेन के दो कोच में आग लगने के मामले की जाँच रेलवे मुख्यालय और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) अपने स्तर से करेंगे. इसके लिए जले हुए दो कोच का सैंपल गाजियाबाद की फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है. इससे पता चलेगा कि यह हादसा था या फिर किसी असमाजिक तत्व की हरकत. वहीं, रेलवे मुख्यायल की ओर से तीन मेम्बरीय एसएजी (हाई लेवल कमेटी) गठित कर दी गई थी. ये कमेटी अपनी अलग से तकनीकी जाँच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपेगी.
रविवार को एक कोच को गाजियाबाद की ओर रवाना कर दिया गया. इस कोच को संदेहूरबस्ती में मेमू शेड में भेजा जाएगा. वहीं, दूसरा कोच अधिक जला हुआ है. इसकी जाँच करने के लिए रेलवे की उच्चस्तरीय कमेटी के मेम्बर अगले एक-दो दिन में मेरठ पहुंच सकते हैं. इन दोनों कोच की जाँच को हर पहलू को जरूरी मानते हुए किया जा रहा है. जिससे आगे ऐसी किसी भी घटना को रोका जा सके. अन्य बचे हुए कोच को सहारनपुर भेज दिया गया था. सहारनपुर-दिल्ली पैसेंजर का मेंटीनेंस सहारनपुर में ही किया जाता है.
घटना के बाद एक संयुक्त रिपोर्ट भी मुख्यालय तैयार कर भेजी गई है. इसमें जगहीय अधिकारियों की टीम में डिविजन मुख्यालय को संयुक्त रिपोर्ट भेजी है. इसमें कोच एंड वैगन, बिजली विभाग सहित अन्य विभागों के रेलवे अधिकारी शामिल रहते हैं. ट्रेन में आग लगने के बाद का प्रकरण और यात्रियों को राहत देने की एक-एक जानकारी की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है. जिससे कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा संज्ञान लेने के बाद जानकारी दी जा सके.
ज्ञात रहे की सहारनपुर से दिल्ली जाने वाली टू-डीएस पैसेंसर ट्रेन में शनिवार प्रातः काल आकस्मित आग लग गई थी. दो कोच पूरी तरह जलकर राख हो गए, जबकि एक कोच 20-25 फीसदी जल गया था. आग के लगने का कारण अभी तक साफ नहीं हो सका है. यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर जान बचाई थी. गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ था. शार्ट सर्किट और ज्वलनशील पदार्थ से आग लगने का अंराष्ट्रा जताया जा रहा है. हादसे के कारण दिल्ली-मेरठ रूट पर ट्रेनों का आवागमन पांच घंटे तक ठप रहा था.
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