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भारत वर्ष 2022 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 175 गीगावाट और 2030 तक 500 गीगावाट करने का लक्ष्य हासिल करने में पिछड़ रहा है। वजह उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों का इस मोर्चे पर तय लक्ष्य के अनुरूप अपनी रफ्तार बरकरार नहीं रख पाना है। इन हालात में यह विचार करना बहुत जरूरी हो गया है कि भारत किस तरह ग्लोबल वार्मिग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में अपना योगदान कर सकता है।
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