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हरि कीर्तन में लगाएं मन, भगवान की भक्ति सबसे बड़ी- संत राजाराम महाराज

 चिड़ावा।संजय दाधीच

चिड़ावा के बिंवाल भवन के पास श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन संत राजाराम महाराज ने दान पुण्य का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जो सत्संग में रत रहे और केवल ईश्वर का ध्यान करता हो, वही असली संत है। दान-पुण्य का बड़ा महत्व है केवल दुनियां से पुण्य ही आपके साथ जाएगा।

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उन्होंने भक्त ध्रुव की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान सच्चे मन से पुकारने वाले प्रत्येक जीव मात्र की सुनता है। ध्रुव ने नन्हीं सी उम्र में भगवान की कठोर तपस्या की और मन से ईश्वर को पुकारा और ईश्वर चले आए। ये भक्ति का प्रभाव था। भक्ति निस्वार्थ भाव से होनी चाहिए।

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कथा के दौरान मुख्य यजमान सुरेश जलिन्द्रा, ज्ञानप्रकाश, राजकुमार, सुरेन्द्र, गीता देवी, मंजू, सुनीता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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