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राजस्थान में एक बार सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। राज्य एससी आयोग के अध्यक्ष विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि अशोक गहलोत को अब पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाना चाहिए और सचिन पायलट को यदि मुख्यमंत्री बना दिया जाए तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं है। बैरवा का यह बयान अपने आप में राजस्थान में आगामी समय में होने वाले बदलाव के संकेत दे रहा है। उल्लेखनीय है कि विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा गहलोत गुट के विधायक माने जाते हैं।
गहलोत को पार्टी से बहुत कुछ मिला, अब लौटाने का वक्त
खिलाड़ी लाल बैरवा ने आज साफ शब्दों में कहा कि अशोक गहलोत हमारे पुराने नेता हैं। 40 साल से वह राजनीति में हैं और 20 साल से तो वह मुख्यमंत्री समेत बड़े पदों पर हैं। अब अगर राजस्थान में बदलाव की कोई बात हो तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद बड़े नेता हैं। उनको खुद यह बात देखनी चाहिए और नई पीढ़ी और सेकेंड लाइन को तैयार करना चाहिए। बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके सम्मान के हिसाब से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की जो बात आ रही है वह स्वीकार कर लेना चाहिए। क्योंकि पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर उनको सम्मान ही दे रही है। बैरवा ने कहा कि उदयपुर में जो चिंतन शिविर हुआ था, उसमें सोनिया गांधी ने बड़े रूखे स्वर में कहा था कि पार्टी ने आप लोगों को बहुत कुछ दिया है और अब आपकी बारे है कि पार्टी को कुछ लौटने की. यह बात कोई छोटी मोटी बात नहीं थी, लेकिन अब तक पार्टी में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया।
कैबिनेट में होना चाहिए बदलाव
एससी आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर बदलाव होना चाहिए। लेकिन यह आलाकमान तय करता है। इस पर सब लोगों को बैठ कर चर्चा भी करनी चाहिए। बैरवा ने कहा कि राजस्थान अब नए स्वरूप में आना चाहिए। पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात कहने के साथ ही बैरवा ने कहा कि हमारे जो बड़े नेता हैं, चाहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों या दिल्ली के वरिष्ठ नेता, उन्हें इस बात पर गंभीरता से चर्चा करना चाहिए और शायद वह कर भी रहे होंगे। बैरवा ने कहा क्योंकि गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनाव हमारे सामने हैं। हम इन चुनाव में कैसे बेहतर कर सकें इस पर मंथन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो विभिन्न जातियों के बड़े नेता हैं चाहे वह शेड्यूल कास्ट हों, गुर्जर हों ,मीणा हों, जाट हों, ब्राह्मण हो या राजपूत हों, सब जातियों के एक-एक नेता को कांग्रेस को फ्रंट लाइन में तैयार करना होगा। इन जातियों से डिप्टी सीएम और कमेटियों के मेंबर बनाने होंगे, अगर इस फार्मूले पर वर्किंग होगी तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार 2023 में रिपीट करने से कोई नहीं रोक सकेगा।