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अहमदाबाद. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे. यहां पर उन्होंने स्वयंसेवकों के एक कार्यक्रम को संबोधित किया है. यह कार्यक्रम 2025 में होने वाले आरएसएस के शताब्दी समारोह की श्रृंखला में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम को समाजशक्ति संगम नाम दिया गया है. इसमें करीब 15 हजार स्वयंसेवक शामिल हुए हैं.भागवत ने मंच से स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा है कि गुलामी में स्वयं की अभिव्यक्ति नहीं हो सकती है. अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्रता जरूरी होती है. उन्होंने भारत में आजादी के पीछे कठिक परिश्रम और बलिदानों की याद दिलाते हुए कहा है कि हमारे बीच में भेद थे इसलिए दूसरों ने भारत पर राज किया है.
इस दौरान उन्होंने सभी से मतभेदों को दूर रखकर देश को प्राथमिकता देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर हमारे अंदर मतभेद नहीं होते तो किसी की हिम्मत नहीं थी कि देश को हमसे छीन ले. अब दोबारा ऐसा न हो इसलिए उन्होंने सामाजिक समता को बहुत जरूरी बताया है. उन्होंने आह्वान किया कि समाज में व्याप्त भेदों को मिटाना पड़ेगा.
भागवत ने मंच से कहा कि हमारे बीच की विविधताएं ही हमारे भेद बन कर सामने आई हैं, इसी भेद भावना को मिटाना होगा ताकि सभी लोग एक समान महसूस कर सकें. भागवत ने कहा कि हम सब भारतीय हैं, उन्होंने इसी को सनातन की धारा बताया है. भागवत ने यह भी कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक ही है. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज सभी भारतीय ही हैं.
बता दें कि आरएसएस चीफ अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं. वह इस दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हैं.