जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग के, राजकीय चिकित्सालयो में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को हटाने एवं इनको एनजीओ, ठेकेदार, प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगाने पर रोक लगाई है। ज्ञात रहे कि चिकित्सा विभाग में संविदा पर लगे कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट ठेकेदारों के जरिए संविदाकर्मी लगाने कि कार्यवाही की जा रही थी। इस पर संविदा कर्मी राजेंद्र कुमार व अन्य की याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओ के पक्ष में अन्तरिम आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को आदेशित किया है कि याचिकाकर्ताओं को एमआरएस के जरिए ही रखा जाए। याचिकाकर्ताओं कि ओर से हाईकोर्ट में पैरवी अधिवक्ता अरुण सिंह शेखावत ने की।
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