शिवनगरी चिड़ावा के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम हैं अरड़ावतिया कॉलोनी के श्मशान में। यहां की खास बात ये है कि यहां पर एक ही परिसर में दो शिवलिंग स्थापित है।
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इस परिसर में गौमाता के साथ बिहारी जी गर्भगृह में विराजे हैं। मंदिर का निर्माण बैजनाथ अडूकिया की पुत्री शांति देवी और बंशीधर रंगूनवाला ने करवाया। वहीं यहां पर हनुमानजी महाराज का भी मंदिर बना हुआ है। मंदिरों में नयनाभिराम मूर्ति लगी है। यहीं पर हनुमानजी के सामने बाबा श्याम का मंदिर भी स्थापित है। बड़ी आकर्षक मूर्ति यहां स्थापित की गई है। यहां पर राजा अडूकिया, प्रमोद अरड़ावतिया व अरड़ावतिया परिवारों ने बरामदा निर्माण में योगदान दिया। वहीं यहां पर एक संत का धूणा भी है। संत द्वारा लगाए गए बड़, पीपल और आक के पेड़ आज भी उस संत के ईश्वरीय और पर्यावरण प्रेम की याद दिलाते हैं। श्मशान भूमि में भी काफी संख्या में पेड़ पौधे लगाकर यहां का सौंदर्यीकरण किया गया है। हरियाली से आच्छादित इस स्थल पर आने वालों को यहां काफी सुकून और प्राकृतिक आनन्द की अनुभूति मिलती है। काफी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शनों को आते हैं। बड़ी संख्या में लोगों की मनोकामना पूरी होने के चलते क्षेत्र में इस शिवालय की काफी ख्याति बढ़ी है। ऐसी असीम आस्था की ठौर पर एक बार जरूर पधारें।
कल फिर मिलेंगे एक और नए शिवालय में। दीजिए इजाजत, हर हर महादेव…