यहां सूर्यदेव करते हैं भोलेनाथ का अभिषेक!
चिड़ावा। शिवनगरी चिड़ावा के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं अरड़ावतिया कॉलोनी स्थित कुएं वाले शिवालय में। इस शिवालय की स्थापना करीब 85 वर्ष पहले पूर्व पालिकाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा ग्रेटर के पितामह डूंगरमल अरड़ावतिया ने करवाई। इस शिवालय की स्थापना के साथ ही यहां कुएं का निर्माण हुआ और हनुमानजी की मूर्ति भी शिवालय के बिल्कुल सामने मण्ड में बैठाई गई है। शिवालय की खास विशेषता ये है कि शिवलिंग पर सूर्यदेव की किरणें सीधे पड़ती हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि भगवान सूर्यदेव भी यहां आशुतोष का अपनी किरणों से अभिषेक करते हैं। वहीं शिवालय में शिवलिंग एक खम्भ के ऊपर विराजा है।
कुएं पर बना होने के कारण काफी ऊंचाई पर है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग का जमीन से सीधा जुड़ाव होना चाहिए। ऐसे में शिवालय के नीचे एक कोटड़ी में खम्भ बनवाया गया और उस खम्भ के बिल्कुल ऊपर शिवलिंग स्थापित किया गया।
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शिवालय की एक और खास बात ये है कि यहां पर पार्वती, गणेश के अलावा कार्तिकेय की दो मूर्तियां विराजित हैं। वहीं इस कुएं के ऊपर शिवालय के बिल्कुल बाहर कीर्ति स्तम्भ भी लगाया हुआ है। इस पर गणेशजी, सूर्यदेव, चंद्रदेव और क्षेत्रपाल के चित्र उकेरे हुए हैं। कुएं के ऊपर शिवालय के बाहर एक आक का पौधा भी लगा हुआ है। जो इस शिवालय की महत्ता को और अधिक बलवती करता है। शिवालय में क्षेत्र के सभी लोग मांगलिक अवसरों विशेष रूप से धोक लगाने आते हैं और सोट-सोटकी जैसी परम्पराओं भी यहां निभाते हैं। आस्था की मंजिल के किनारे पशुओं के लिए पानी की खेळ भी बनाई हुई है, जो मूक प्राणियों की प्यास बुझा रही है। निष्ठा के साथ यहां आने वालों की भोलेनाथ जरूर सुनते हैं। ऐसा आस्थावान श्रद्धालुओं का मानना है, तो एक बार जरूर इस रुद्र के शिवालय में दर्शन लाभ लें। अब दीजिए इजाजत कल फिर मिलेंगे एक और प्राचीन शिवालय में….हर हर महादेव