बारां। जिला पुलिस अधीक्षक डॉ0 रवि ने बताया कि 30 अगस्त को फरियादी लोकेश मेहरा निवासी कुंजबिहार कॉलोनी बारां ने रिपोर्ट करवाई थी कि उसके भाई नीरज का अज्ञात बदमाषान ने अपहरण कर हत्या कर दी गई है। जिस पर थाना कोतवाली बारां पर प्रकरण दर्ज कर अज्ञात मुलजिमान की तलाष पतारसी हेतु विजय स्वर्णकार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बारां के नेतृत्व में विषेष पुलिस दल का गठन किया गया। गठित टीम के द्वारा विशेष मुखबींरां से प्राप्त सूचनाओं एवं तकनीकी विश्लेषण के आधार पर घटना का पर्दा-फाष कर मुलजिमान विनोद ओझा विष्णु गौतम एवं लीलाधर बैरवा को गिरफतार करने मे सफलता हासिल की है। एवं अन्य के विरूद्व अनुसंधान जारी है।
वारदात को अंजाम- मुलजिमान ने बहुत ही षातिराना तरीके से सोच समझकर फिल्मी अंदाज में घटना को अंजाम दिया। मुलजिमान विनोद एवं विष्णु गौतम ने आर्थिक तंगी से परेषान होकर रूपये कमाने के लिए अपराध का सहारा लेने की योजना बनाई। उक्त योजना के तहत किसी बड़े व्यापारी या उनके परिजनों के अपहरण की योजना तैयार की गई। इस अपहरण की कार्यवाही के लिए वाहन की आवष्यकता थी इसलिए विनोद ओझा ने अपने पडोसी मृतक नीरज मेहरा को किसी कार्य से लखनऊ जाने एवं किराये की गाड़ी लाने के लिए कहा। इस पर मृतक नीरज अपने परिचित मनोज गर्ग बोरिना वाले, जिनके यहां नीरज ड्राईवर का काम करता था, की बलिनो गाडी लखनऊ किराये ले जाने के लिए ले आया। पूर्व निर्धारित बातचीत के अनुसार मुलजिमान ने मृतक नीरज को बरडि़या बालाजी बारां बाईपास के पास बुलाया व वहां से उसके साथ बैठकर कथित रूप से लखनऊ के लिए रवाना हो गये। मुलजिमानों द्वारा कराहल (एम0पी0) के जंगल की तरफ विनोद के साथ उक्त गाडी में गये तथा रास्ते मे विनोद, विष्णु एंव लीलाधर ने रस्सी से मृतक नीरज का गला घोंट कर घायल कर नीरज के हाथ पैर बांध दिये एवं पास के जंगल में रोड से थोडा अन्दर ले जाकर एक बडे पत्थर से नीरज के सिर को कुचल कर हत्या कर दी। घटना के पष्चात तीनो मुल्जिम प्रयुक्त कार को लेकर बारां आ गये एवं दो दिन तक कार को बारां में रखा। मृतक की लाष कराहल के जंगल मिलने एवं इसकी सूचना/फोटो सोषल मीडिया पर आ जाने पर पकड़े जाने के डर से मुलजिमान ने कार को बारां से वापस ले जाकर शाहाबाद के जंगलो में छोड़ दिया एवं वापस बारां आ गये।
ब्लाईंड मर्डर का खुलासा, मृतक के परिचित ही निकले हत्यारे, 3 गिरफ्तार
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