राष्ट्र में स्टार्टअप के लिए बेहतर माहौल बन गया है. गवर्नमेंट की ओर से इनकी संख्या बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. यही वजह है कि हिंदुस्तान में स्टार्टअप कंपनियों की संख्या हर वर्ष 10 फीसदी की रेट से बढ़ रही है.
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नैसकॉम सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजीव मल्होत्रा ने कहा कि अधिकतर स्टार्टअप कंपनियां एप्लिकेशन के क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं. बहुत सारी स्टार्टअप कंपनियां सॉफ्टवेयर सेवा पर आधारित है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्र में स्टार्टअप कंपनियों की संख्या में जरूरी वृद्धि हो रही है. हर वर्ष 10 फीसदी नयी कंपनियां जुड़ रही हैं. हालांकि, अध्ययन के मुख्य क्षेत्रों में स्टार्टअप बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा हिंदुस्तान पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हालातकी तंत्र है. राष्ट्र में नयी स्टार्टअप कंपनियों की संख्या 2021-22 में बढ़कर 14,000 से अधिक हो गई है, जबकि वित्त साल 2016-17 में इनकी संख्या सिर्फ 733 रही थी.
यूनिकॉर्न की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
मल्होत्रा ने कहा कि हिंदुस्तान में और यूनिकॉर्न (एक अरब $ से अधिक मूल्यांकन) बन रही हैं. 2021 में 44 हिंदुस्तानीय स्टार्टअप ने यूनिकॉर्न का रेट्जा हासिल किया है. इस तरह राष्ट्र में यूनिकॉर्न की संख्या 83 हो गई है. इससे इन कंपनियों की संपत्ति में कुल 106 अरब $ की बढ़ोतरी हो गई है. स्टार्टअप के जरिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों मोर्चे पर 14 लाख लोगों को नौकरियां मिली हैं.
2026 तक राष्ट्र में एक अरब स्मार्टफोन यूजर्स
हिंदुस्तान में 2026 तक स्मार्टफोन के एक अरब उपयोगकर्ता होंगे. डेलॉय की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सुविध से लैस मोबाइल फोन की बिक्री में वृद्धि से स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ेगी.
हिंदुस्तान में 2021 तक 1.2 अरब मोबाइल फोन उपयोगकर्ता थे. इसमें से 75 करोड़ लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. 2021 से 2026 तक ग्रामीण इलाकों में वर्षाना आधार पर स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में छह फीसदी की रेट से बढ़ोतरी का अनुमान है.