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हैदराबाद से सांसद आईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी का इन लफ्जों ने राजस्थान की सियासत में संग्राम छेड़ दिया है. ओवैसी जिन एमएलए राजेन्द्र गुढ़ा की बात कर रहे हैं वो अभी गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री हैं. राजेन्द्र गुढ़ा 2018 में बीएसपी के टिकट से लड़कर चुनाव जीते थे. गुढ़ा के साथ ही 5 और विधायक थे जो बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और सबने मिलकर गहलोत सरकार को समर्थन दिया और अगले ही साल यानि सिंतबर 2019 में राजेंद्र गुढ़ा के साथ ही बीएसपी के अन्य पांच विधायक लखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
वैसे ये पहला मौका नहीं था जब राजेन्द्र गुढ़ा ने गहलोत सरकार के समर्थन के साथ ही कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था. 2008 में भी राजेन्द्र गुढ़ा ने बीएसपी के अन्य विधायकों के साथ पहले गहलोत सरकार का समर्थन किया था फिर कांग्रेस का थामन थाम लिया था. दो-दो बार गहलोत सरकार में मंत्री रहने के साथ ही गहलोत के सबसे खासमखास माने जाने वाले राजेन्द्र गुढ़ा अब सरकार में रहते हुए अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ खुलकर विरोध जताने लगे हैं.