चिड़ावा।संजय दाधीच
रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा चिड़ावा पंचायत समिति के गिडानिया और महरमपुर में सरसों की फसल पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। प्रक्षेत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ हनुमान प्रसाद , पूर्व निदेशक कृषि विश्व विद्यालय बीकानेर ने किसानों को समझाया कि कृषि में समय, मात्रा और सही तकनीक का विशेष महत्व है। सही समय पर की गई बुवाई, सही बीज का चयन ,उसकी मात्रा (बीज दर ) और किस तकनीक से बुवाई की गई है इसका ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं से भी किसानों को अवगत करवाया। संस्थान के सलाहकार निरंजन सिंह ने किसानों को समन्वित खेती अपनाने पर जोर दिया और कहा कि जिस प्रकार भूजल कम हो रहा है, भूमि की उर्वरक क्षमता कम हो रही है ऐसे में सामनावित कृषि प्रणाली अपना कर ही किसान आपने आमदनी बढ़ा सकते है। संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेंद्र पालीवाल ने किसानों को कृषि में और पशुपालन में उनकी लगत किस प्रकार से कम हो इस पर चर्चा की। पालीवाल ने बताया कि जैविक खेती के माधयम खाद -गोबर की खाद , वर्मी कम्पोस्ट , वेस्ट डी कम्पोसर , बायो एंजाइम आदि के प्रयोग से खेती में लागत कम की जा सकती है और उत्पाद को अच्छे दाम पर बेचा जा सकता है इसी प्रकार पशुओं को भी अजोला के माधयम से अच्छा कम कीमत का चारा उपलब्ध कराया जा सकता है। गिडानिया में किसान सुरेंद्र एवं महरमपुर में विद्याधर के खेत पर यह प्रक्षेत्र दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में पायोनियर के एरिया मैनेजर मनीष यादव ने भी भाग लिया। किसानों को प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के बाद पुरस्कार दी दिए गए। संस्थान के कृषि पर्यवेक्षक रविन भेड़ा, राकेश मेहला एवं मार्केटिंग ऑफिसर अनिल शर्मा ने सहयोग किया। संस्थान के जल एवं ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा ने संचालन किया।
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