reporttimes
Advertisement
बांसडीहरोड क्षेत्र में अनोखी घटना सामने आई है। जहां पशु प्रेम और पशु क्रूरता की कहानी एक साथ आठ माह तक घटित होती रही। अगर पड़ोसियों का एक जीव को बचाने के लिए संघर्ष सामने न आता तो शायद वफादार कुत्ते के नसीब में तड़प तड़प कर मौत हो जाती। पूरा मामला बलिया जिले के बांसडीह का है, जहां कुत्ता पालने के शौकीन मकान मालिक ने घर बंद कर कुछ इस कदर घर से दूरी बना ली कि वहां कैद वफादारी के पर्याय पालतू जर्मन शेफर्ड श्वान ‘जेनी’ (कुतिया) तक को भुला दिया। अगर पड़ोसियों ने आठ माह तक उसे फेंककर भोजन और पानी न कराया होता तो वह कब का दर्दनाक तरीके से काल कवलित हो चुका होता।
Advertisement
Advertisement