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संसद के बजट सत्र को निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बैठक 8 अप्रैल तक चलनी थी. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि गवर्नमेंट महंगाई पर चर्चा कराने से भाग खड़ी हुई.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और सीएनजी की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. उर्वरक के दाम बढ़े हैं जिससे किसानों को परेशानी हो रही है. हम इस पर चर्चा चाहते थे. लेकिन गवर्नमेंट तैयार नहीं हुई.‘
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘।।। गवर्नमेंट महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने से भाग खड़ी हुई है.‘
राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने कहा, ‘राज्यसभा में कई विधेयकों के लिए समय तय हो चुका था. विधेयक नहीं लाए. एकमात्र कारण था कि गवर्नमेंट महंगाई से भाग रही थी.‘ इससे पहले बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच, राज्यसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे के कारण सभापति एम वेंकैया नायडू पारंपरिक समाप्ति संबोधन भी नहीं दे सके. सभापति ने कहा, ‘हंगामे से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचेगी.‘
उधर, लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘सत्र के दौरान 182 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए.‘
विपक्ष के आग्रह पर बजट सत्र खत्म किया : गवर्नमेंट
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सहित कुछ विपक्षी दलों ने 7 अप्रैल को सदन को स्थगित करने का निवेदन किया. उन्होंने कहा, ‘हमने विपक्ष से पूछा था और वे सभी रामनवमी और अन्य त्योहारों के कारण 7 अप्रैल को सदन स्थगित करने पर सहमत थे.‘ उन्होंने कहा कि अंरेट (बैठक में) सत्र स्थगित करने का आग्रह करते हैं और बाहर दूसरी बात करते हैं, यह ठीक नहीं है.