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सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाते हुए केंद्र और राज्यों से आईपीसी की धारा 124ए के तहत कोई भी FIR दर्ज़ न करने का निर्देश दिया है. केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कानून की समीक्षा की बात कही थी. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ जनहित याचिकाओं के चलते कानून को खत्म नहीं कर सकते, लेकिन समीक्षा पूरी होने तक इसपर रोक लगा सकते हैं.
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पुलिस और प्रशासन को सलाह देते हैं कि केंद्र की समीक्षा पूरी होने तक कानून की इस धारा का इस्तेमाल न करें.
राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने अपनी बातों को स्पष्ट कर दिया है और कोर्ट के सामने प्रधानमंत्री का इरादा भी बताया है. अब इसके बाद क्या होता है ये मुझे नहीं पता लेकिन मैं ये कहना चाहता हूं कि हमें कोर्ट का सम्मान करना चाहिए.