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बिजली पोल पर फाइबर केबल लगाने का किराया नहीं चुकाने पर डिस्कॉम की ओर से बीएसएनएल की केबल काटने की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। दो दिन की कार्रवाई में करीब 5000 उपभोक्ताओं को इंटरनेट सेवा बंद होने की परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकारी कार्यालय, बैंक, वाणिज्य प्रतिष्ठानों के साथ डिस्कॉम कार्यालयों में भी ऑनलाइन कार्य प्रभावित रहा। बिजली पोल पर फाइबर केबल लगाने का सालाना किराया और सिक्योरिटी चार्ज जमा नहीं करवाने के कारण ये कार्रवाई की गई।
अचानक इंटरनेट सेवा बंद होने से उपभोक्ताओं ने सेवा प्रदाता एजेंसियों को फोन किए तो उनसे भी कुछ जवाब नहीं दे पाए। डिस्कॉम की फाइबर इंटरनेट केबल काटने से शहर के विभिन्न सरकारी कार्यालय, बैंक, फाइनेंस कार्यालय, वाणिज्य प्रतिष्ठानों के साथ डिस्कॉम कार्यालय में भी ऑनलाइन कार्य प्रभावित रहा। जानकारी के अनुसार बगड़ रोड स्थित एईएन कार्यालय में सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक इंटरनेट सेवा ठप रहने से ऑनलाइन कार्य प्रभावित रहे।
डिस्कॉम मांग रहा सालाना दस लाख रुपए, इसलिए कार्रवाई
बीएसएनएल व अन्य कंपनियों की फाइबर इंटरनेट केबल के लिए डिस्कॉम ने किराया तय कर रखा है। जो ज्यादा होने के कारण कंपनियां चुका नहीं पा रही। बीएसएनएल के अनुसार डिस्कॉम की और से पहले प्रति पोल 3500 रुपए सालाना किराया तय कर रखा था। यदि एक पोल पर 10 कनेक्शन केबल है तो किराया भी 35000 रुपए होता था। जिसका भुगतान कंपनियों की और से नहीं किया गया। अब डिस्कॉम ने इसमें राहत देते हुए किराए की नई गाइड लाइन तय की गई है। जिसमें 500 पोल तक के लिए अब 10 लाख रुपए चुकाने होंगे। जिसमें 5 लाख रुपए सिक्योरिटी के तथा 5 लाख रुपए अन्य चार्ज के जमा करवाने होंगे।
जिले में उपभोक्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन देने के लिए टीवी ऑपरेटर को एग्रीमेंट दे रखा है। उन्हीं को पोल का किराया जमा करवाना होता है। डिस्कॉम की और से तय किया गया। जो कंपनियां जमा नहीं करवा पा रही है। डिस्कॉम के अधिकारियों से मुलाकात की है। उन्होंने समस्याओं का प्रपोजल मांगा है।