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श्रीकृष्ण ने गीता ज्ञान देकर अर्जुन को मोह माया से कराया मुक्त कथा व्यास तिवाड़ी ने की श्रीश्याम कथा के तीसरे दिन गीता उपदेश प्रसंग की व्याख्या
चिड़ावा। शहर की कॉलेज रोड पर सनातन आश्रम स्थित महालक्ष्मी धाम में चल रही श्री श्याम कथा के तीसरे दिन कथा में गीता उपदेश पर प्रवचन दिए गए । कथा व्यास वाणीभूषण पं.प्रभुशरण तिवाड़ी ने कथा के दौरान कौरव – पांडव युद्ध प्रसंग की व्याख्या करते हुए बताया की युद्ध के मैदान में अपने ही परिजनों को देख अर्जुन असहज महसूस करने लगे। ऐसे में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपने दिव्य स्वरूप के दर्शन कराए और गीता का ज्ञान दिया। तिवाड़ी ने कहा कि गीता महाभारत का हिस्सा है।
ये गीता स्वयं भगवान कृष्ण ने अर्जुन को सुनाई। उसी गीता ज्ञान ने अर्जुन के मोह पाश को हटाया और युद्ध में अर्जुन कौरवों के खिलाफ युद्ध कर सके। कथा के प्रारम्भ में पं. बालकृष्ण और पं. परसाराम के सानिध्य में यजमान महेंद्र बदनगढ़िया ने सपत्निक पूजन किया और कथा व्यास का तिलकार्चन कर आशीर्वाद लिया। तिवाड़ी ने कथा के दौरान कहा कि जीवन की गाडी बिना ईश्वर की इच्छा के नहीं चलती।
इसलिए ईश्वर के प्रति प्रत्येक जीव मात्र श्रद्धा का भाव रखना चाहिए। कथा के दौरान कैप्टन शंकरलाल महरानिया, सुशील शर्मा, गिरधर गोपाल महमिया, राम सिंह इंडाली वाले, सुभाष पांडे, महेंद्र रणवा, राजू सहित महिला व पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा के आखिर में कलाकार सुरेश शेखावत के निर्देशन में श्री श्याम की नयनाभिराम झांकी प्रदर्शित की गई।
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