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चिड़ावा। अजीतपुरा गांव निवासी श्रीचंद नूनियां के पुत्र सेना के जवान सुरेंद्र कुमार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान सूबेदार अजीतकुमार दुबे के नेतृत्व में 19 जवानों की टोली साथ आई। इनमें से आर्मी के आठ जवानों ने तीन राउंड फायर कर अंतिम विदाई दी। इससे पूर्व पार्थिव देह लेकर आई आर्मी गाड़ी को नूनिया गोठड़ा से गांव तक बाईक रैली के साथ लाया गया। जैसे ही पार्थिव देह घर पहुंची तो घर में कोहराम मच गया। सुरेंद्र की पार्थिव देह देखकर मां मुन्नी देवी और पत्नी किरण रोते – रोते बेसुध हो गई। परिवार की अन्य महिलाओं ने बड़ी मुश्किलों से उन्हें संभाला।
इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई तो मौजूद लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। अजीतपुरा के मुक्तिधाम में विधायक जेपी चंदेलिया, पूर्व विधायक श्रवण कुमार, तहसीलदार कृष्ण सिंह, बीसीएमओ डा. जयपाल लाम्बा, समाजसेवी शीशराम, पूर्व प्रधान कैलाश, उपप्रधान विपिन नूनिया, भाजपा नेता राजेश दहिया, वरिष्ठ पार्षद योगेंद्र कटेवा, पूर्व पार्षद मुकेश पूनिया, सरपंच अमरसिंह नूनिया आदि मौजूद रहे। जवान सुरेंद्र की चिता को उनके छह वर्षीय पुत्र मिक्की ने मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देते समय बेटा मिक्की काफी भावुक हो गया। परिजनों ने उसे समझाकर शांत किया। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार सुरेंद्र करीब तीन माह पहले ही छुट्टी पर आया था। लेकिन किसे पता था कि वो अब आएगा भी तो तिरंगे में लिपट कर आएगा। 2008 में सुरेंद्र सेना में भर्ती हुआ था।
आर्मी से जुड़ा हुआ है परिवार –
जवान सुरेंद्र का परिवार आर्मी से काफी जुड़ा हुआ है। सुरेंद्र के पिता श्रीचंद हवलदार की पोस्ट से रिटायर हुए। वहीं सुरेंद्र का बड़ा भाई सुनील भी आर्मी से सिपाही पोस्ट पर रहा और कुछ साल पहले ही सेवानिवृत हुआ है। वहीं सुरेंद्र के ताऊ मालाराम सेना में सूबेदार, चाचा सुरेश और रामसिंह भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। सुरेंद्र की पत्नी किरण देवी राजकीय बीडीके अस्पताल, झुंझुनूं में जीएनएम के पद पर कार्यरत है।
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