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उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया गया है। एनसीपी चीफ शरद पवार की ओर से रविवार उनके नाम का ऐलान किया गया। एक दिन पहले ही एनडीए की ओर से बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया गया है। शरद पवार के उनके नाम का ऐलान करते हुए कहा कि 17 विपक्षी दलों की मंजूरी उनके नाम को लेकर थी। मंगलवार वो अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा करते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी से बात करने की कोशिश की लेकिन वे व्यस्त थीं। दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल से भी संपर्क करने की कोशिश की। उन्होंने कुछ दिन पहले यशवंत सिन्हा के लिए समर्थन की घोषणा की और जल्द ही मार्गरेट अल्वा के लिए अपने समर्थन की घोषणा करेंगे।
मार्गरेट अल्वा 1974 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुनी गईं। इसके बाद वो लगातार राज्यसभा सदस्य रहीं और साल 1999 में लोकसभा के लिए चुनी गईं। वो केंद्र में मंत्री भी रहीं साथ ही अल्वा राजस्थान, गोवा की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। कर्नाटक की रहने वाली मार्गरेट अल्वा पांच बार सांसद रहने के अलावा राजीव गांधी कैबिनेट और नरसिम्हा राव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं।
मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मंगलौर में हुआ था। उन्होंने 1969 में राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस से जुड़ीं। वह कांग्रेस संगठन के भीतर कई पदों पर रहीं। 2008 में अल्वा ने कांग्रेस हाईकमान पर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया था। उस वक्त वह महाराष्ट्र, मिजोरम और पंजाब-हरियाणा की प्रभारी थी। उनको कांग्रेस महासचिव के पद से हटा दिया गया था। हालांकि दोबारा जब उनके रिश्ते ठीक हुए तो उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल बनाकर भेजा गया।
वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी है और नामांकन की अंतिम तारीख 19 जुलाई है। चुनाव छह अगस्त को होगा।