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चिड़ावा यानी शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं एक ओर चिड़ावा शहर के प्राचीन डोबी क्षेत्र के पास स्थित श्री बांके बिहारीजी का मंदिर। इस मंदिर में प्रवेश करते ही सामने बांके बिहारी जी के दर्शन होते हैं। पूर्वाभिमुख बिराजे बांके बिहारी जी के गर्भगृह के बाई तरफ़ है प्राचीन शिवालय।वहीं बांके बिहारी के दांई तरफ बिराजे हैं हनुमान जी महाराज। मंदिर के बिल्कुल सामने है प्राचीन कुआं। खास बात ये है कि हनुमानजी महाराज की संगमरमर की मूर्ति यहां लगी हुई है।
ठीक उसके सामने ही कुएं के निर्माण के समय स्थापित किए गए सिन्दूरवदन हनुमान जी महाराज की दो मूर्तियां बिराजी हुई हैं। ऐसा अद्भुत संयोग शायद ही कहीं होगा जहां कि हनुमानजी महाराज की प्रतिमाएं एक दूसरे के सामने एक ही मंदिर में बिराजी हों। वहीं अब बात करें प्राचीन शिवालय की स्थापना की तो मंदिर के महंत पं. रणछोड़ पुजारी के अनुसार ये शिवालय मंदिर स्थापना के साथ ही लगभग 250 साल पहले यहां स्थापित किया गया था। इस पावन स्थल पर विश्वास की डोर में बंधे काफी श्रद्धालु दर्शनों को नियमित आते हैं। कल फिर मिलेंगे एक और प्राचीन शिवालय में। हर हर महादेव