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जालोर के सुराणा गांव में दलित छात्र की मौत के मामले में स्कूल परिवार संगठन ने अपना पक्ष जाहिर किया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है, स्कूली छात्र के साथ मारपीट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन, इसे छूआछूत से जोड़ना और जातिवाद का रूप देना सही नहीं है। शर्मा ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए कहा, दलित छात्र की मौत मामले में मटकी से पानी पीने वाली बात पूरी तरह से झूठ है। मृतक के पिता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में मटकी का जिक्र होने के कारण इसे तूल दिया जा रहा है। अध्यक्ष ने कहा, मटकी से पानी पीने वाले आरोप और खबरों को सीरे से खारिज किया है।
स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि 20 जुलाई को स्कूल में बच्चों के बीच झगड़ा हुआ था। इस कारण शिक्षक ने बच्चे को डराने के लिहाज से पीट दिया। हालांकि, शिक्षक द्वारा बच्चे को पीटना सही नहीं है। शिक्षक को ऐसा नहीं करना चाहिए था। बच्चे की मौत दुखद है। लेकिन, कुछ सामाजिक संगठनों और नेताओं ने छात्र की मौत का तमाशा बना दिया है। जालोर के एसपी बार-बार कह रहे हैं कि मटकी वाले आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। इसके बावजूद प्रकरण को छूआछूत और जातीय भेदभाव का रूप देकर भड़काया जा रहा है। विभिन्न दलों के नेताओं ने इस मामले को मजाक बना दिया है।