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राजस्थान के 3 संभागों में फिर बारिस के आसार, बीसलपुर बांध के गेट खोले

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राजस्थान में आज फिर बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने तीन संभागों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार भरतपुर, जयपुर और कोटा संभागों में कहीं-कहीं हल्की और मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है। राज्य के हाड़ौती अंचल में बारिश ने तबाही मचा रखी है। कोटा, झालावाड़, बूंदी और बांरा जिले में तेज बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए है। सीएम गहलोत ने गुरुवार को हाड़ौती अंचल का दौरा किया और बाढ़ ग्रस्त पीड़ितों से मिले। सीएम गहलोत आज धौलपुर जिले के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान सीएम राजाखेड़ा तहसील क्षेत्र के गांल अडवा पुरैनी में बाढ़ के हालातों का जायजा लेंगे। साथ ही बाढ़ प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगे।

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बीसलपुर बांध के गेट खोले 

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बीसलपुर बांध के गेट शुक्रवार सुबह 7 बजे खोल दिए गए हैं। बांध के गेट खोलने को लेकर टोंक के जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी कर दिए थे। निर्देशों के अनुसार शुक्रवार सुबह बीसलपुर बांध से जुड़े अधिकारी गेट खोलने के लिए मौके पर पहुंचे। बनास के डाउन स्ट्रीम में आने वाले गांवों के लोगों के लिए दो घंटे तक सायरन बजाकर अलर्ट किया गया। जिससे बहाव क्षेत्र के आस-पास कोई व्यक्ति हो, तो वह सुरक्षित स्थान की ओर चला जाए। इन सबके बाद सुबह बांध के दो गेट खोलकर पानी की निकासी की गई।
बीसलपुर बांध का जलस्तर 315.50 पहुंचने के बाद आज छठी बार गेट खोले गए। इसके पहले बांध के गेट साल 2004,2006,2014,2016 और 2019 में खोले जा चुके हैं। अब तक पांच बार बांध में पूरी क्षमता का पानी भरे जाने के बाद गेट खोल कर जल निकासी की गई है। इस समय बांध में करीब 38.708 TMC पानी संग्रहित है।

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ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे केंद्र सरकार

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सीएम अशोक गहलोत ने एक बारर फिर कहा है कि केंद्र सरकार को ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए। सीएम ने कहा कि हाड़ौती से चम्बल, कालीसिंध, परवन नदियों का पानी व्यर्थ बहकर समुद्र में मिल जाता है। इसका सदुपयोग पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना में किया जाए तो निश्चित रूप से पूर्वी राजस्थान के 13 जिले सरसब्ज होंगे। श्री गहलोत ने गुरूवार को कोटा, बारां जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मीडिया से बातचीत की। ई.आर.सी.पी. से न केवल क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा बल्कि 13 जिलों की प्यास भी बुझेगी। पेयजल के लिए वर्तमान में इस परियोजना का क्रियान्वयन आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा सर्वे कराया गया है कि ई.आर.सी.पी में व्यर्थ बहकर जा रहे पानी से भी कम मात्रा में पानी काम में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 9 हजार करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। ऐसे में केन्द्र सरकार को भी आगे आकर इस परियोजना के लिए सहयोग करना चाहिए तथा इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना चाहिए।

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