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चिड़ावा। सीता हरण के बाद सीता को खोजते हुए राम-लक्ष्मण शबरी के आश्रम पंहुचते है। यहां शबरी को श्रीराम अपनी नवधा भक्ति का ज्ञान दिया। इसके बाद राम-लक्ष्मण सुग्रीव से मित्रता करते हैं। ये दृश्य था कस्बे के डॉ. ओमप्रकाश पचरंगिया मार्ग पर डालमिया के नोहरे में चल रही रामलीला का। परिषद अध्यक्ष प्रमोद अरड़ावतिया और सचिव सुशील पदमपुरिया ने बताया कि छठे दिन सीता हरण और राम विलाप की लीला ने सभी को भावुक कर दिया।
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तो वहीं शूर्पणखा के नाक-कान कटने के बाद खर-दूषण-त्रिसरा वध की लीला ने प्रभावित किया। लीला में राम बने पंकज वर्मा, लक्ष्मण बने अनूप भारतीय, सूर्पनखा बने रमेश कोटवाल, शबरी बने रवि भारतीय, हनुमान बने विक्की हर्षवाल, सुग्रीव बने भूपेंद्र अरड़ावतिया, जटायु बने महेंद्र भारतीय, रावण की माया बने बैजनाथ मोदी, मारिच बने मोतीलाल शर्मा, रावण के प्राइवेट बने सुशील बागड़ी, भूपेंद्र दायमा सहित सभी कलाकारों ने अभिनय से प्रभावित किया। परिषद कोषाध्यक्ष सुरेश डालमिया और निदेशक किशोर कुमार नायक ने बताया कि सोमवार को रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग स्थापना, सेतुबंध और अंगद-रावण संवाद की लीला दिखाई जाएगी।
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