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कांग्रेस-NCP का साथ, लेफ्ट से भी मिला लिया हाथ; अंधेरी उपचुनाव में दांव पर लगी है उद्धव की साख

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उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे ने एक के बाद एक कई झटके दिए हैं। 40 विधायकों की बगावत का नेतृत्व कर उनसे पहले महाराष्ट्र की गद्दी छीनी। इसके बाद 12 सांसदों ने भी उद्धव का साथ छोड़ दिया। एसके बाद उद्धव की पकड़ शिवसेना पर भी कमजोर होती गई। कई इलाकों में स्थानीय नेताओं ने उनका साथ छोड़ते हुए शिंदे कैंप में अपनी जगह बनाई। तमाम सियासी उठापटक के बीच अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख नजदीक आ गई, जिसे देखते हुए चुनाव आयोग ने शिवसेना और तीर-धनुष सिंबल को अगले आदेश तक के लिए फ्रीज कर दिया है। दोनों ही खेमों को अलग-अलग सिंबल और पार्टी का नाम दिया गया है।

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एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद सियासी तौर पर कमजोर हो चुके उद्धव ठाकरे को नए सिंबल और नए नाम के साथ उपुचनाव में अपनी ताकत दिखानी होगी। यह उपचुनाव उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। ऐसा इसलिए कि इस सीट से उनके ही खासमखास रमेश लटके विधायक थे। उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। इस चुनाव में उद्धव ठाकरे ने बीएमसी में कार्यरत उनकी पत्नी ऋतुजा लटके को उम्मीदवार बनाया है।

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अंधेरी से जाएगी पूरे बीएमसी में संदेश
अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट पर होने वाला यह उपचुनाव कई मायने में खास है। इस उपचुनाव में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे, दोनों की ही अग्निपरीक्षा होगी। उद्धव ठाकरे को यहां हर हाल में जीत हासिल करना होगा। यहां अगर उनका खेमा चुनाव हारता है तो शिंदे और फडणवीस की जोड़ी इस संदेश को पूरे बीएमसी में लेकर जाएगी। देश के सबसे अमीर नगर निगम बीएमसी का चुनाव उद्धव का लिए काफी अहम है। पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए उन्हें यह उपचुनाव और बीएमसी का चुनाव हर हाल में जीतना होगा।

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उद्धव ने झोंकी ताकत, लेफ्ट तक से मिलाया हाथ
उद्धव ठाकरे इस उपचुनाव की अहमियत को समझते हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी का नया नाम और सिंबल मिलते ही सबसे पहले कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की। इसके बाद उन्होंने शरद पवार से भी संपर्क साधा। कांग्रेस और एनसीपी दोनों ने ही अंधेरी उपचुनाव में अपना समर्थन उद्धव खेमे के कैंडिडेट को देने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, इसके बाद उद्धव ने भारतीय कॉम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) से भी हाथ मिलाया है, जो कि लगातार हिंदुत्व की विचारधारा का विरोध करती रही है। दोनों पार्टी कभी मुंबई में एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी हुआ करती थी, लेकिन इस उपचुनाव में सीपीआई ने उद्धव खेमे के उम्मीदावर को समर्थन देने का फैसला किया है।

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अंधेरी में होगा गुजराती बनाम मराठी का जंग बनाने की कोशिश
अंधरी पूर्वी विधानसभा सीट की लड़ाई काफी रोचक होने वाली है। एक तरफ जहां मराठी ऋतुजा लटके चुनाव उद्धव खेमे से उम्मीदवार होंगी वहीं, बीजेपी-शिंदे कैंप की तरफ से मुरजी पटेल मैदान में होंगे, जो कि गुजराती हैं। उद्धव ठाकरे कैंप की तरफ से इस चुनाव को गुजराती बनाम मराठी बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी। ऐसा इसलिए कि इस सीट पर हिंदी और मराठी भाषी मतदाताओं का बोलबाला है। कुछ ही इलाकों में गुजरातियों की आबादी है। रमेश लटके के लिए भी मराठी वोटर एकजुट होकर वोट करते थे। 2014 के मोदी लहर में भी उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की थी। उनके निधन के बाद अब उनकी पत्नी मैदान में हैं। ऐसे में सहानुभूति वोट मिलने की भी अधिक संभावना है।

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