REPORT TIMES
चिड़ावा। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने खाद बीज विक्रेताओं पर यूरिया – डीएपी की कालाबाजारी का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि इस कालाबाजारी का ही परिणाम है कि बाजार में रबी फसल की बुआई से पहले ही यूरिया-डीएपी का संकट खड़ा होने लगा है। किसानों से तय दर से ज्यादा की वसूली की जा रही है। बहुत से दुकानदार खाद के साथ सरसों का बीज दे रहे हैं। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों ने प्रधान इंद्रा डूडी को ज्ञापन सौंपा और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान तहसीलदार मांगेलाल पूनियां और विकास अधिकारी रणसिंह चौधरी भी मौजूद रहे। प्रधान इंद्रा डूडी ने भी इस पर चिंता जताई और प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारियों से तुरंत कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए।

ज्ञापन में ये रखी मांग –
ज्ञापन में लिखा है कि क्षेत्र में उर्वरक की जमकर कालाबाजारी हो रही है। किसानों को 1350 रुपए के डीएपी के कट्टे के 1550 रुपए देने पड़ रहे हैं। बहुत से दुकानदार डीएपी के साथ सरसों का बीज दे रहे हैं। सरसों का बीज नहीं लेने पर किसानों को डीएपी नहीं दी जा रही। ज्ञापन में डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी रोकने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
ये रहे मौजूद –
इस मौके पर जिला परिषद सदस्य नरेंद्र लमोरिया, सरपंच संजय सैनी लांबा गोठड़ा, पंस सदस्य ख्यालीराम सैनी, अमरसिंह नूनियां, अनिल रणवां नरहड़, भरतसिंह रेप्सवाल, उम्मेद धनखड़,महावीर सिंह खुडाना, अंजू, शीला, हनुमानसिंह आदि मौजूद रहे।
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