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राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि प्रशांत किशोर की पहल पर उनसे मुलाकात भी हुई है, जब वे नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने का अभियान चला रहे थे। शिवानंद तिवारी ने दावा किया है कि पीके का कहना था कि राजद और जदयू मिल जाएंगे तो बिहार और झारखंड के 54 लोकसभा सीटों में से कम से कम 48-50 सीट तक जीत सकते हैं।
राजद नेता ने आगे कहा कि उनके (प्रशांत किशोर) अनुसार अगले लोकसभा चुनाव के बाद पहले, दूसरे स्थान पर आने वाली पार्टी की सरकार नहीं बनेगी। तीसरे स्थान पर हमारी पार्टी रहेगी और इसकी सरकार बनने की संभावना प्रबल है। नीतीश जी प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो लालू जी का मामला भी रफा दफा हो जाएगा। पीके अपनी इस योजना को लेकर लालू प्रसाद से भी मिले थे। लालू जी ने भी प्रशांत को यही कहा था कि यह सब उसी हालत में संभव है जब नीतीश भाजपा गठबंधन से बाहर आ जाएं।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि पदयात्रा का मकसद धीरे-धीरे साफ़ होता जा रहा है। बिहार की दोनों ख़ेमों की राजनीति से अलग एक नई राजनीति की शुरुआत के मकसद से शुरू की गई यह पदयात्रा नीतीश विरोध की राजनीति में बदलती जा रही है। प्रशांत की पदयात्रा गांधी वाली पदयात्रा नहीं है। बल्कि गांधी की आड़ लेकर वे उनलोगों की मदद कर रहे हैं जो नफ़रत की राजनीति कर रहे हैं। गांधी का नाम तो शायद प्रशांत के लिए अपने असली चेहरे को छुपाने का एक ढोंग है।
काहे आप उस आदमी का नाम लेते हैं… PK के बयान पर बोले नीतीश
वहीं दूसरी ओर प्रशांत किशोर के एक बयान को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें कोई कमेंट नहीं करना है। प्रशांत किशोर के उस बयान पर सीएम नीतीश से सवाल पूछा गया था जिसमें पीके ने कहा था कि नीतीश कुमार एनडीए के संपर्क में हैं। वो फिर से बीजेपी के साथ जाएंगे और कभी भी पलटी मार सकते हैं। इस सवाल पर नीतीश कुमार मीडिया को जवाब दे रहे थे।